अंक 3 (03, 12, 21, 30)
शुभ दिन– मंगलवार, शुक्रवार
शुभ मास– मार्च, मई, जुलाई, जून, सितम्बर, दिसम्बर
वर्ष का श्रेष्ठ समयः प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में 18 सितम्बर से 20 जनवरी के मध्य।
देवगुरू बृहस्पति आपको जीवनपर्यन्त पाभाविन्वित करने वाले ग्रह है। यदि आप उपर्युक्त तिथियों में पैदा हुए हैं तो आपका भाग्यांक अथवा मूलांक 3 है जिसे मूलअधिपति जीवनपर्यन्त देवगुरू बृहस्पति ही रहेंगे, लेकिन अलग-अलग माहों में पैदा होने पर सहयोगी कारक ग्रहों की युति से उनकी स्थिति बदलती जाएगी।
आपका वर्षांक पति (वर्ष पति) मंगल होने के कारण यह वर्ष आपको शुभ योग अथवा शुभ फल ही प्रदान करेगा।
देवगुरू बृहस्पति जो कि आप के अंक अधिपति है, उनकी युति मंगल के साथ सार्थक परिणाम दिलाएगी, लेकिन यह विशेषकर इस बात पर निर्भर करेगा कि आप किस माह में पैदा हुए है और आपका द्वितीय कारकपति कौन है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से आपका वर्ष अच्छा रहेगा, किन्तु मुकदमे अथवा झगड़े-विवाद आदि से बचना पडे़गा।
स्वभाव से आप उदार, साहसी और तटस्थ विचारधारा वाले व्यक्ति होंगे, जीवन में सफलताओं का सिलसिला 21वें वर्ष से शुरू होगा तथा 27वें वर्ष से आपकी स्थिति अच्छी होनी आरम्भ हो जाएगी। साहित्य, संगीत, अध्यात्म तथा कला के क्षेत्र में आपकी गहरी रूचि रहेगी। समाज में आप अपना छोटा सा स्थान बनाने के बाद अच्छी और उच्च स्तर की सफलताएं अर्जित करते जाएंगे। एक बार आप जो ठान लेंगे उसे पूरा करके ही छोड़ेगे। यही कारण है कि कम समय में आपको अधिक सफलता हासिल हो जाएगी।
आपकी महत्वाकांक्षा उच्च कोटि की होती है। छोटा पद और छोटा प्रभुत्व आपको अच्छा नहीं लगेगा और न ही आप अपने ऊपर किसी का प्रभाव स्वीकार करेंगे।
आप जो भी कार्य करेंगे उसे व्यापक रूप देना चाहेंगे। आप अधिक कल्पनाशील और भावुक होते हैं और यही स्वभाव आपको लेन-देन के क्षेत्र में परेशानियां पैदा कराता रहेगा।
विशेषकर आप किसी को भी ऋण देते समय विशेष सावधानी बरतें, अन्यथा आप द्वारा दिया गया पैसा वापस नहीं आएगा। कलम की शक्ति मं आपका गहरा विश्वास होगा और आप अपनी वाणी तथा लेखन-शैली के बल पर समाज में उच्च सम्मान प्राप्त करते जाएंगे। आप धार्मिक अथव समाजसेवी संस्थाओं में गुप्त रूप से धन दान करेंगे।
आपको शीध्र ही क्रोध आएगा और शांत भी शीध्र ही हो जायेंगे। यदि आपको ‘क्षणे रूष्टा-क्षणे तुष्टा‘ कहा जाए तो गलत नहीं होगा। अपने स्वाभिमान को आप न तो झूुकने देंगे और न ही स्वाभिमान के साथ किसी प्रकार का समझौता ही करेंगे। कार्यक्षेत्र की दृष्टि से आपको लेखन, सम्पादन, बैंक-विज्ञापन तथा बीम एजेंट आदि के रूप में सफलता मिलेगी। एक कुशल प्राध्यापक, कानूनविद, सचिव अथवा राजदूत के पद को आप सुशोभित करेंगे। यदि आप कठिन से कठिन परिश्रम करें तो आपको सरकार में प्रमुख पद लेने से कोई नहीं रोक सकता।
यदि, आप जनवरी माह की उपर्युक्त तारीखों में पैदा हुए हैं तो देवगुरू बृहस्पति के साथ-साथ सूर्यपुत्र शनि का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ेगा।
यह एक प्रबल समृद्धिदायक योग है और आपको सामान्य स्तर के जीवन में उच्च सम्मान दिलायेगा।
आप जिधर भी चाहेंगे सफलताएं अर्जित करते जाएंगे। मंगल के साथ यह युति एकाएक चैंकाने वाला परिणाम दिलाएगी। इससे आपको नये अनुभव, जमीन-जायदाद का लाभ प्रामोशन आदि प्राप्त होंगे। आप किसी भी प्रकार के निर्णय लेने में स्वतंत्र रहेंगे।
3 अंक वाले व्यक्ति यदि फरवरी माह की उपर्युक्त तारीखों में पैदा हुए हैं तो उनके लिए यह माह जनवरी माह में पैदा हुए व्यक्तियों के समान ही फलदायी सिद्ध होगा, किन्तु व्यय की अधिकता रहेगी और अर्थसंचय में परेशानी होगी। यदि आप व्यवसाय आदि प्रारंभ करना चाहें तो यह माह अति उत्तम रहेगा। आपके लिए विशेष सलाह यह है कि आप यात्रा आदि सावधानीपूर्वक करें। यदि सम्भव हो तो आप फरवरी के माह में शनि स्तोत्र का पाठ करें।
मूलांक 3 वाले व्यक्ति का यदि मार्च माह की उपर्युक्त तारीखों में जन्म हुआ है तो देवगुरू बृहस्पति का दोहरा प्रभाव आपके जीवन मे तरह-तरह से लाभ देगा। आप जिस क्षेत्र में चाहेंगे उसी में सफलता प्राप्त करते जाएंगे। वर्ष पति मंगल के साथ यह युति और भी अधिक सुलाभ देंगी।
शिक्षा, कार्यकुशलता तथा सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्वि होगी। यदि आप किसी भी तरह की प्रतियोगिता में बैठना चाहते है तो जरा भी पीछे न हटें, सफलता आपके कदम चूमेगी।
यदि इस अंक वाले व्यक्ति का जन्म अप्रैल माह की उपर्युक्त तारीखों में हुआ है तो कारक प्रति गुरू के साथ-साथ मंगल देव जी आपको प्रभावित करेंगे और इनके साथ यह दोहरा प्रभाव बना रहेगा।
यह आपको प्रशानिक, तकनीकी, पुलिस विभाग तथा सेना के महत्वपूर्ण क्षेत्रों अथवा किसी भी तरह के साहसिक और जोखिमपूर्ण कार्योे में लाभ दिलाएगा। आपको इस अवधि में सर्विस हेतु आवेदन अवश्य करना चाहिए।
यदि इस अंक वाले व्यक्ति का जन्म मई की उपर्युक्त तारीखों में हुआ है तो असुर गुरू शुक्र का प्रभाव आपको जिस क्षेत्र में चाहेंगे उसी में सर्वेंसर्वा बनाएगा, किन्तु आपको अपनी आंखो तथा गुप्त रोगों की बिमारियों से बचना पडे़गा। मंगल के साथ यह युति मकान, वाहन आदि के क्रय-विक्रय में लाभ देगी, किन्तु पारिवारिक कलह अथवा अंशान्छित बढ़ सकती है। किसी से सम्बधं-विच्छेद की भी संभावना है।
यदि इस अंक वाले व्यक्ति का जन्म जून माह की उपर्युक्त तारीखों में हुआ है तो यहां पर आपको गुरू के साथ-साथ बुध देव भी लाभ देंगे। मंगल के साथ यह युति विरोध पैदा करेगी। मान हानि अथवा विवाद में फंसने की आशंका है, लेकिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से युति सार्थक परिणाम देगी।
यदि इस अंक वाले व्यक्ति का जन्म जुलाई माह की उपर्युक्त तारीखों में हुआ है तो गुरू के साथ-साथ चन्द्र की युति सौम्य फलदायी सिद्ध होगी। मान-सम्मान, पद तथा गरिमा की वृद्धि होगी। मंगल के साथ यह युति लाभ ही देगी, किन्तु दाम्पत्य जीवन मे कुछ कटुता ला सकती है। परिस्थिति के अनुसार अपने निर्णय तथा कार्य करें।
यदि आप अगस्त माह की उपर्युक्त तारीखों में पैदा हुए है तो यह गुरू के साथ-साथ सूर्य देव की युति हर प्रकार के प्रशासनिक कार्यों में लाभ तथा पद दिलाएगी।
मंगल की युति भी हर प्रकार से सफलताएं दिलाएगी। यह युति आपके लिए आय के नए-नए स्त्रोत बनाएगी।
यदि अंक वाले व्यक्ति का जन्म सितम्बर माह की उपर्युक्त तारीखों में हुआ है तो सामान्यतः जून में पैदा हुए लोगों जैसा ही फल रहेगा। मंगल की युति औार नवां माह होना सार्थक परिणाम देगा। रचनात्मक तथा सृजनात्मक कार्यों में सफलता हासिल होगी।
यदि इस अंक वाले व्यक्ति का जन्म अक्टूबर माह की उपर्युक्त तिथियां में हुआ है तो गुरू व शुक्र की युति सौन्दर्य प्रधान वस्तुओं का लाभ देगी। मनोरंजन तथा फिल्म व्यवसाय के क्षेत्र में सफलताएं हासिल होगी। प्रिय सम्बधों में प्रगाढ़ता आएगी, मई जैसा फल होगा।
यदि इस अंक वाले व्यक्ति का जन्म नवम्बर माह की उपर्युक्त तारीखों में हुआ है तो गुरू के साथ-साथ पृथ्वीपुत्र मंगल का दोहरा प्रभाव प्रबन्धकात्मक कार्य, बैंकिग कार्य तथा लेखन कार्य में सफलता देगा। यह आपके लिए प्रबल समृद्धिदायक योग है। आप जिधर भी चाहेंगे वही पर सफलताएं आपको मिलती जाएंगी। शोध तथा नेतृत्व कार्य लाभप्रद रहेंगे।
यदि इस अंक वाले व्यक्ति का जन्म दिसम्बर माह की उपर्युक्त तारीखों में हुआ है तो यह आपके लिए चहुंमुखी और बहुआयामी योग बनाएगा। धार्मिक कार्यों में तथा प्रवचन आदि में रूचि रहेगी। यह माह गुरू के दोहरे प्रभाव से परिपूर्ण है और उस पर वर्ष पति मंगल के द्वारा आपके अन्दर साहस और वाणी में प्रखरता आएगी।
सरकार द्वारा सहायता अथवा अच्छे पद प्राप्त होंगे। जीवन में मार्च, जून, सितम्बर और दिसम्बर के माह अति लाभप्रद रहेंगे। जीवन भर आपका भाग्यांक 3 ही रहेगा। अंक 3 की शुभ तारीखें 3, 6, 9, 12 है तथा मंगलवार और शुक्रवार इनके शुभ दिन है।
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