नई दिल्ली: एलएलबी की फर्जी डिग्री के आरोपों में घिरे दिल्ली सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तलब किया है। संभावना है कि पूछताछ के बाद उन्हें हटाने पर निर्णय लिया जा सकता है। वैसे सरकार का कहना है कि इस पर कोर्ट का फैसला अभी लंबित है। दूसरी ओर यह भी स्पष्ट होने लगा है कि अगर तोमर की डिग्री फर्जी पाई गई तो उनकी विधानसभा सदस्यता तो रद्द होगी ही, साथ ही फर्जीवाड़े के आरोप में उन पर मुकदमा भी चल सकता है।
विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान शैक्षिक योग्यता पर जितेंद्र तोमर ने जब दस्तावेज सौंपे थे, तब से उन पर विरोधी दल एलएलबी की डिग्री फर्जी होने का आरोप लगा रहे थे। उनके खिलाफ हाई कोर्ट में एक मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया था। बताते हैं कि उस दौरान भी मुख्यमंत्री ने तोमर से पूछताछ की थी, तो उनका कहना था कि मुकदमा करने वाले व्यक्ति ने उनके खिलाफ कोर्ट को फर्जी दस्तावेज सौंपे हैं, जिसके बाद सरकार ने उनके खिलाफ ऐक्शन का निर्णय टाल दिया था। अब भागलपुर की तिलकमांझी यूनिवर्सिटी ने ही उनकी एलएलबी की डिग्री से पल्ला झाड़ लिया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. रमाशंकर दूबे की ओर से हाई कोर्ट में दिए गए हलफनामे में बताया गया है कि तोमर की डिग्री का कोई रिकॉर्ड विश्वविद्यालय के पास नहीं है। उनकी डिग्री पर जो सीरियल नंबर दर्शाया गया है, वह सीरियल नंबर किसी अन्य डिग्री का है। कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज दोपहर बाद तोमर को दिल्ली सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में तलब किया है, जहां डिग्री मसले को लेकर उनसे पूछताछ की जाएगी। संभावना है कि उसके बाद ही तोमर को हटाने या मंत्रिमंडल में रखने पर निर्णय लिया जाएगा। वैसे दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार, कोर्ट का फैसला आने तक तोमर की कुर्सी सलामत भी रह सकती है। तोमर की एलएलबी की डिग्री अगर फर्जी पाई गई तो उन्हें मंत्री पद के साथ-साथ विधानसभा की सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ सकता है। इसके अलावा उनके खिलाफ पुलिस में मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है। गौरतलब है कि पिछले नगर निगम चुनाव के दौरान मजनू टीला निगम वॉर्ड में बीजेपी के प्रत्याशी को ऐसे ही फर्जी दस्तावेजों के चलते अपनी कुर्सी गंवाने के साथ-साथ मुकदमा भी झेलना पड़ा था।