लखनऊ: नेपाल में आए विनाशकारी भूकम्प के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के क्रम में नेपाल में भूकम्प पीडि़तों के सहायतार्थ राज्य सरकार द्वारा वहां कराए जा रहे राहत व बचाव कार्याें में तेजी लाने के साथ-साथ संसाधनों की उपलब्धता में भी वृद्धि की गई है। प्रदेश सरकार की ओर से नेपाल को ज्यादा से ज्यादा सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि नेपाल में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार बसें भेजी जाएं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को सकुशल वापस लाया जा सके।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक वहां से लगभग 106 बसों द्वारा 6000 लोगों को निकाला जा चुका है और 94 अन्य बसें वहां पर फंसे लोगों को वापस ला रही हैं। इन लोगों को उनके गंतव्य तक निःशुल्क पहुंचाया जा रहा है। यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान है।
इस बीच आयुक्त गोरखपुर मण्डल ने बताया है कि 200 बसें नेपाल पहुंच चुकी हैं। इनमें से 9 बसें काठमाण्डू हवाई अड्डे एवं 25 बसें गौशाला में लोगों को वापस लाने के लिए तैनात कर दी गई हैं। वाहनों के साथ समन्वय एवं संचालन हेतु सम्भागीय परिवहन अधिकारी, तीन सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, सी0ओ0 नौतनवा, थानाध्यक्ष सोनौली नेपाल भेजे गए हैं। इन बसों में से 78 बसों की पहली खेप आज पूर्वाह्न वापसी हेतु नेपाल से रवाना हो चुकी है। इनमें से 42 बसों में मुख्यतः बिहार के लोग हैं, जो रात तक गोरखपुर आ जाएंगे, जिन्हें बिहार प्रस्थान कराया जाएगा। इसके साथ 50 अतिरिक्त ट्रक भूकम्प पीडि़तों को भारत ला रहे हैं।
प्रवक्ता के अनुसार आज पूर्वाह्न तक विभिन्न प्रदेशों जैसे-आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात एवं कर्नाटक के लगभग एक हजार लोग विश्वविद्यालय में स्थापित राहत शिविर में आ चुके हैं। सोनौली सीमा से अब तक डेढ़ हजार भूकम्प पीडि़त व्यक्ति नेपाल से भारत आ चुके हैं। सोनौली और भैरवा के मध्य स्थित स्थानों से पार कर रहे पैदल व्यक्तियों को भी बसों द्वारा वापस लाया जा रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि जनपद गाजीपुर से 100 कुन्तल चावल, जनपद महराजगंज से 100 कुन्तल आटा, 50 कुन्तल चावल और 50 कुन्तल दाल नेपाल भेजी जा रही है। जनपद गोरखपुर से 50 कुन्तल चावल, 50 कुन्तल दाल, 100 कुन्तल आटा, 25 हजार कम्बल, 100 डिब्बे बिस्कुट, 600 पैकेट नमकीन, 25 हजार क्लोरीन टैबलेट, 500 टेन्ट एवं तिरपाल, 65 बोरी ब्लीचिंग पाउडर, 25 हजार सैनेटरी पैड सहित राहत सामग्री नेपाल भेजी जा चुकी है।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार से भूकम्प पीडि़तों के सहायतार्थ अनेक निजी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं तथा सामान्य नागरिकों ने राशन, खाद्य सामग्री, कपड़े, दवाइयां, अन्य आवश्यक वस्तुएं एवं श्रमदान करने हेतु सम्पर्क किया है, जिसे नेपाल सरकार से समन्वय स्थापित कर हस्तान्तरित कराया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा सीमावर्ती जनपदों पर स्थित सीमा चैकी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इन राहत शिविरों में जनपदों द्वारा खान-पान की उचित व्यवस्था के साथ-साथ जीवनरक्षक दवाइयांे व स्थानीय चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। भारत-नेपाल सीमा पर टूठीबाड़ी कन्ट्रोल रूम का फोन नं0-05523248691, 9454403912, 9454416301 तथा सोनौली कन्ट्रोल रूम का फोन नं0-05522238056, 9454403911 एवं 9454416302 है।
प्रवक्ता ने कहा कि नेपाल से आ रहे भूकम्प पीडि़त शरणार्थियों के लिए मुख्य राहत शिविर गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्थापित कर दिया गया है। इसके अलावा, कैम्पियरगंज जनपद गोरखपुर में कन्ट्रोल रूम/सहायता केन्द्र स्थापित है, जो भूकम्प पीडि़तों को गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित मुख्य राहत शिविर तक पहुंचने में सहायता प्रदान कर रहा है। कैम्पियरगंज कन्ट्रोल रूम का नं0-05512201004, 9454416232 है।
प्रवक्ता ने बताया कि नेपाल के भूकम्प पीडि़तों के लिए 28 और ट्रकों में राहत एवं बचाव सामग्री भेजी गई है। नेपाल में भूकम्प पीडि़तों को चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिहार से लगी हुई नेपाल की सीमा पर किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के 45 चिकित्सक एवं 05 एम्बुलेन्स तैनात हैं।