लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शास्त्री भवन में भूतत्व एवंखनिकर्म विभाग द्वारा तैयार कराए गए ई-वेब पोर्टल को लाँच किया। इस पोर्टल के लागू हो जाने से अब खनिजों के परिवहन के लिए ई-ट्रांज़िट पास की व्यवस्था उपलब्ध हो गई है। इस अवसर पर उन्होंने एक लाभार्थी को ई-ट्रांज़िट पास प्रदान भी किया।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश में अभी तक खनिजों का परिवहन नियमानुसार राजकीय मुद्रणालयों में मुद्रित एम0एम0 11 प्रपत्रों पर होलोग्राम लगाकर किया जाता रहा है, जिसमें खनिजों की राॅयल्टी अग्रिम रूप से जमा करा कर खनिज कार्यालय द्वारा पट्टाधारकों को एम0एम0 11 की पुस्तकें जारी की जाती थीं। इसमें दो प्रतिपर्ण पट्टाधारक/परिवहनकर्ता को दिया जाता था तथा एक प्रतिपर्ण कार्यालय में जमा करा लिया जाता था। काफी अधिक संख्या में एम0एम0 11 की पुस्तकें होने के कारण इनके रख-रखाव में जिला खनिज कार्यालयों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही, इसके दुरुपयोग की भी सम्भावना बनी रहती थी। साथ ही, जनपदों से खनिजों के परिवहन में उपयोग होने वाले एम0एम0 11 की कूटरचित होने की शिकायतें भी शासन स्तर पर प्राप्त होती रहती थीं।
नई व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्येक पट्टाधारक को लाॅगिन आई0डी0 व पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से पट्टाधारक ई0 एम0एम0 11 जनरेट कराए जाने हेतु प्रोफार्मा भरकर मात्रा के सापेक्ष देय धनराशि आॅनलाइन जमा करेगा। तत्पश्चात् पट्टाधारक का ई-अभिवहन प्रपत्र जनरेट हो जाएगा, जिसे वह प्रिन्ट के माध्यम से हार्ड काॅपी में प्राप्त कर सकता है तथा वह उसकी साॅफ्ट काॅपी को भी प्रयोग में ला सकता है।
ई एम0एम0 11 लागू होने से अभिवहन प्रपत्र जारी करने की पूरी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिसमें पट्टेधारकों को कार्यालय की जटिल प्रक्रिया से निजात मिलेगी। इसमें एक तरफ पट्टेधारकों को बार-बार कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी। ई-अभिवहन प्रपत्र पर सम्पूर्ण डाटा Encrypted Data के रूप में बार कोड में मौजूद रहेगा, जो आसानी से Decrypt नहीं किया जा सकता है, जिससे इसके दुरुपयोग की सम्भावना न के बराबर होगी। अब खनिजों के डिस्पैच को ट्रैक किया जाना आसान होगा। इसके अलावा खनिज विभाग के अधिकारियों को प्रपत्र एम0एम0 11 के रख-रखाव की समस्या से भी निजात मिलेगी। एम0एम0 11 के दुरुपयोग की ऐसी शिकायतें प्राप्त होती थीं कि एक ही रवन्ने से कई-कई वाहन निकाले जाते हैं तथा एम0एम0 11 पर ओवर राइटिंग/कूटरचित करके प्रयोग में लाया जाता है, अब इस समस्या से भी निजात मिलेगी।
एम0एम0 11 प्रपत्र के मुद्रण व होलोग्राम में लगभग 35 लाख रुपए का प्रतिवर्ष व्यय होता है। ई एम0एम0 11 जारी होने से इस शासकीय धनराशि की बचत होगी। प्रदेश में समस्त खनिजों के परिवहन के लिए ई एम0एम0 11 की व्यवस्था की जा रही है। खनिजों की उपलब्धता व पट्टों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए साधारण बालू/मौरंग हेतु 02 माह में पूर्ण रूप से ई एम0एम0 11 एवं स्वस्थाने किस्म की चट्टानों के लिए 06 माह में ई एम0एम0 11 की व्यवस्था लागू कर दी जाएंगी। तब तक तक दोनों व्यवस्थाएं समान रूप से चलेंगी। इसके पश्चात् सम्पूर्ण प्रदेश में खनिजों के परिवहन हेतु ई-अभिवहन प्रपत्र का प्रयोग किया जाएगा।