देहरादून: श्री एम0ए0 गणपति, पुलिस महानिदेशक,उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में 13 वीं अन्तर्राज्यीय व अन्तरइकाई समन्वय बैठक ( 13 th Inter State & Inter Agency Coordination Meeting) का आयोजन पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड देहरादून के सभागार में किया गया जिसमें उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, आईटीबीपी, एसएसबी, रेलवे सुरक्षा बल, आसूंचना ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। मीटिंग के संयोजक श्री ए0पी0अंशुमन पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना/सुरक्षा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए मुख्य एजेन्डा बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।
श्री एम0ए0 गणपति, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने अपने उद्बोधन में कहा कि बैठक का उद्देश्य कांवड़ मेले के दौरान उत्तर प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली व अन्य एजेन्सियों के पारस्परिक सहयोग एवं समन्वय से शान्ति व कानून व्यवस्था बनाये रखना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सुरक्षा वातारण के दृष्टिगत कांवड मेले के दौरान सुरक्षा बलों को अत्यधिक सतर्क और सजग रहना होगा। अतः इस हेतु कांवड यात्रा के समस्त रूट में संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर पर्याप्त प्रशिक्षित पुलिस बल नियुक्त किए जाने एवं बीफ्रिंग की आवश्यकता है। कांवड़ यात्रा के दौरान इसके सकुशल संचालन के लिए सभी स्तरों पर समन्वय तालमेल की आश्यकता होगी। उन्होंने सभी अधिकारियों से अभी से कांवड़ मेले हेतु विस्तृत कार्ययोजना बनाते हुए पुलिस प्रबन्ध किये जाने की तैयारियों में लगने की अपेक्षा की।
बैठक के प्रथम चरण में श्री पुष्पक ज्योति, पुलिस उप-महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र व श्री कृष्ण कुमार वी0के0 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार ने संयुक्त रूप से कांवड़ मेले के दौरान किए जाने वाली पुलिस व्यवस्थाओं, यातायात संचालन, यात्रा रूट पर किये जाने वाले पुलिस प्रबन्ध, डी0जे0 लगाकर व लाठी डन्डे लेकर चलने वाले कांवड़ियों पर प्रतिबन्ध, कावड़ यात्रा के दौरान विगत वर्षो में होने वाली दुर्घटनाओं व पार्किंग आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने बताया की विगत 15-20 वर्षो से प्रत्येक वर्ष कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है वर्ष 1985-90 मे जहाँ 15-20 लाख कांवड़िये आते थे जो अब बढ़कर वर्ष 2016 मे लगभग 3 करोड़ 24 लाख हो गयी है, उन्होने कांवड़ यात्रा की व्यवस्था मे लगे सभी नोडल अधिकारियों का व्हाटस अप ग्रुप बनाने, अन्तर्राज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस बल द्वारा चैकिंग करने, यात्रा रूट पर लगने वाले लंगरों को निश्चित स्थान पर लगवाने, कांवड़ियों के उद्गम स्थल पर ही डी0जे0, लाठी डन्डे प्रतिबन्धित करने, सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले सन्देशों पर निगरानी रखने आदि के सम्बन्ध में सभी अधिकारियों से सहयोग की अपील की।
बैठक के द्धितीय चरण में श्री राम सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड ने जघन्य अपराधों, अन्तर्राज्यीय अपराधी गैंग, इनामी बदमाशों, फरार अपराधियों के सम्बन्ध में अर्न्तराज्यीय समन्वय आदि के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण किया गया, इसके अतिरिक्त अन्तराष्ट्रीय व अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर अपराध नियंत्रण के लिए सूचनाओं के अदान-प्रदान व जनपद/स्पेशल यूनिटस की समन्वय बैठकों के आयोजन, थानाध्यक्ष स्तर की मीटिंग किए जाने पर बल दिया इस दौरान अपराधियों के सम्बन्ध में विवरण, डोजियर्स आदि का अदान-प्रदान किये जाने,सीमावर्ती जनपदों के थाना प्रभारियों की बैठक पर बल दिया।
बैठक के अन्तिम चरण में निम्न बिन्दुओं पर विचार विमर्श किया गयाः-
1- नेपाल व चीन सीमाओं के सन्दर्भ में केन्द्रीय पुलिस संगठनों व सुरक्षा एजेन्सियों के मध्य सूचनाओं के अदान-प्रदान समन्वय वैधानिक/अवैधानिक रास्तों व वाहनों की चैकिंग तथा महत्वपूर्ण पुलों आदि की सुरक्षा।
2- जालीमुद्रा के आवागमन व परिचालन को रोकने हेतु की जाने वाली कार्यवाहिया।
3- तिब्बत/नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से होने वाली तस्करी की रोकथाम।
इस बैठक में श्री राम सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड, श्री दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, श्री ए0पी0 अंशुमन पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना/सुरक्षा, श्री सुभाष यादव पुलिस महानिरीक्षक करनाल परिक्षेत्र(हरियाणा) श्री आर0के0 श्रीवास्तव पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, श्री श्रवन कुमार पुलिस महानिरीक्षक एस0एस0बी0, रानीखेत आदि अधिकारी उपस्थित रहे।