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प्रधानमंत्री जी ने नौजवानों सहित वैज्ञानिकों व तकनीक के क्षेत्र में कार्यरत लोगों से आह्वान किया है कि वे ऐसे अविष्कारों को अंजाम दें, जो मानव जीवन को बेहतर बनाते हुए उत्कृष्टता की ओर ले जाए

प्रधानमंत्री जी ने नौजवानों सहित वैज्ञानिकों व तकनीक के क्षेत्र में कार्यरत लोगों से आह्वान किया है कि वे ऐसे अविष्कारों को अंजाम दें, जो मानव जीवन को बेहतर बनाते हुए उत्कृष्टता की ओर ले जाए
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नौजवानों सहित वैज्ञानिकों व तकनीक के क्षेत्र में कार्यरत लोगों से आह्वान किया है कि वे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर ऐसे अविष्कारों को अंजाम दें, जो मानव जीवन को बेहतर बनाते हुए उत्कृष्टता की ओर ले जाए। वैज्ञानिकों को आधुनिक ऋषि की संज्ञा देते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में लक्ष्य के प्रति समर्पित वैज्ञानिक मानव को पीड़ा से मुक्ति दिलाने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्हें परम्पराओं और ज्ञान-विज्ञान के माध्यम से इस क्षेत्र में अभी बहुत कुछ करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में कई चुनौतियां हैं, जिन्हें स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना होगा और उन चुनौतियों पर विजय पानी होगी।

प्रधानमंत्री आज लखनऊ में डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के नवीन परिसर के लोकार्पण, 400 के0वी0 लखनऊ-कानपुर ट्रांसमिशन लाइन के राष्ट्र को समर्पण तथा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डाॅ0 दिनेश शर्मा, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, सांसद श्री कौशल किशोर, ए0के0टी0यू0 के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक मौजूद थे।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार उमंग, उत्साह और स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ विकास की यात्रा पर चल रही है। उन्होंने कहा कि यहां पर घट रही पल-पल की घटनाओं की तरफ पूरे विश्व का ध्यान है। उत्सुकता है कि एक के बाद एक विकास के कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जी की सराहना करते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों की जड़ता व अवरोध को दूर करने, बीमारियों से निजात पाने तथा प्रगति की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए पूरा परिश्रम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जी ने केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सी0डी0आर0आई0) के अपने भ्रमण कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत वैज्ञानिक मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपना पूरा जीवन प्रयोगशालाओं में समर्पित कर रहे हैं। उन्हें ऐसी दवाओं की खोज करनी होगी, जो सस्ती व कारगर हों तथा बिना किसी साइड इफेक्ट के बीमारियों का उपचार करें। उन्होंने कहा कि दवाई की खोज में वर्षों लगते हैं, लेकिन तब तक उस दवाई से आगे की बीमारी आ जाती है। तकनीक और दवाइयों के माध्यम से बीमारियों के उपचार और उनसे निजात पाने के लिए निरन्तर शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में गरीब से गरीब को सस्ती व कारगर दवाई कैसे मिले, इस चुनौती को स्वीकार करते हुए दवाइयों का अविष्कार करना होगा।

प्रधानमंत्री जी ने डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम को युवाओं और तकनीकी जगत के लिए प्रेरणा का स्रोत बताते हुए कहा कि विज्ञान सार्वभौमिक होता है, लेकिन तकनीक को स्थानीय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के युवा में सामथ्र्य है। उसके हाथ में यदि हुनर और विज्ञान का अनुष्ठान भी मिल जाए तो विश्व में भारत का डंका बजेगा। तकनीक को समय से आगे होने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक के क्षेत्र में नौजवानों के सामथ्र्य के बल पर हम भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। सुरक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आज भी हम सुरक्षा से सम्बन्धित उपकरणों तथा तकनीक के लिए विदेशों पर निर्भर हैं। अब समय आ गया है, जब देश के सुरक्षा-संसाधनों, उपकरणों व तकनीक के लिए भारत में नये-नये अविष्कारों को अंजाम दिया जाए और हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए नई नीतियां बनायी गयी हैं। तकनीक के क्षेत्र में विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे तकनीक से जुड़ी युवा पीढ़ी को लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार चिकित्सा के क्षेत्र में आज हम तकनीक पर बहुत अधिक निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि बीमारियों के उपचार में मशीनों की मदद ली जाती है। इन सब क्षेत्रों से जुड़े उद्योगों के लिए स्टार्ट अप योजना कारगर हो सकती है। नई खोज, नये निर्माण और नये-नये उपकरणों के लिए स्टार्ट अप के साथ-साथ स्टैण्ड अप इण्डिया, मेक इन इण्डिया, स्किल इण्डिया, मुद्रा बैंक योजना आदि सहायक हैं।

श्री मोदी जी ने कहा कि तकनीकी ज्ञान के साथ समन्वित दृष्टिकोण अपनाते हुए हमें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। आज भारत की युवा पीढ़ी और वैज्ञानिक इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मंगल ग्रह की आॅर्बिट में पहुंचने के सफल अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि इस अभियान में अपने पहले ही प्रयास में भारत सफल हुआ, जबकि अन्य देशों को इसके लिए कई-कई प्रयास करने पड़े। यह अभियान बेहद कम खर्चे में सफलतापूर्वक संचालित किया गया। भारत के वैज्ञानिकों में वह सामथ्र्य है कि अभी विगत दिनों एक साथ सफलतापूर्वक 104 सैटेलाइट को छोड़ने का कार्य किया गया, जिस पर पूरे विश्व को आश्चर्य हुआ। इसी सामथ्र्य के आधार पर हम सब को आगे बढ़ना है। उन्होंने तकनीकी विश्वविद्यालयों द्वारा इस क्षमता को और विकसित किए जाने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों और कठिनाइयों के बावजूद काफी कार्य किया गया। इस संदर्भ में उन्होंने राज्यपाल श्री राम नाईक जी की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से 24 विश्वविद्यालयों में समय से परीक्षाएं हुईं और सत्र नियमित हुआ। नियमों का पालन किया गया। नई सरकार के आने से इन कार्यों को करने में और सुविधा बढ़ी है।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल वर्ष 2022 में पूरे होंगे। हमें आजादी की बलिवेदी पर शहीद होने वाले और सर्वस्व न्योछावर करने वाले रणबाकुरों के सपनों का आजाद हिन्दुस्तान बनाना है। उन्होंने भरोसा जताया कि देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की सामथ्र्य यहां के सवा सौ करोड़ देशवासियों की है। उन्होंने कहा कि सन् 2022 तक हर गरीब के पास अपना घर हो, अपनी छत हो, जिसमें बिजली, पानी और शौचालय की सुविधा हो। इस सपने को पूरा करने की दिशा में केन्द्र सरकार कार्य कर रही है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण व शहरी आवास की समस्या का समाधान करने के लिए अभियान चलाना होगा। इस अवसर पर प्रतीक स्वरूप प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत प्रधानमंत्री ने 10 लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए। ये लाभार्थी थे- श्रीमती रामावती, श्रीमती अफसाना, श्रीमती ललिता, श्रीमती रामरती, श्रीमती मुन्नी देवी, श्रीमती मालती, श्रीमती कैलाशा, श्रीमती केशाना, श्रीमती रूपावती और श्रीमती रीना।

प्रधानमंत्री जी ने विद्युत ऊर्जा की उपलब्धता पर जोर देते हुए कहा कि आज के तकनीक आधारित जीवन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा की उपलब्धता की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तक 22 करोड़ एल0ई0डी0 बल्बों का वितरण किया जा चुका है, जिनसे लगभग 12 से 13 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी। उन्होंने कहा कि 400 किलोवाॅट की लखनऊ-कानपुर ट्रांसमिशन लाइन से गुणवत्तायुक्त विद्युत उपलब्ध होगी। उद्योगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में कुछ जनपदों को वी0आई0पी0 मानकर विद्युत आपूर्ति की जाती थी, लेकिन अब 75 जनपदों के लिए ऊर्जा आपूर्ति का समान वितरण किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री जी ने जी0एस0टी0 की चर्चा करते हुए कहा कि 01 जुलाई, 2017 से जी0एस0टी0 लागू होेने जा रही है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव दिखायी देगा। यह देश के लिए गर्व की बात है कि सभी राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों ने सर्वसम्मति से जी0एस0टी0 को लागू कराने का प्रयास किया है। उन्होंने इसके लिए सभी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह भारत के सशक्त और परिपक्व लोकतंत्र की पहचान है कि इतना बड़ा फैसला सब ने मिलकर किया है। उन्होंने कहा कि यह एक सफल यात्रा की शुरुआत है, जिसमें व्यापारियों सहित सभी के सहयोग की आवश्यकता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी को प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति ने अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री जी का स्वागत व अभिनन्दन करते हुए कहा कि देश में प्राविधिक शिक्षा में एकरूपता लाने के लिए वर्ष 2000 में तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। राष्ट्र को तकनीकी और सामरिक दृष्टि से सुदृढ़ बनाकर प्रगति के पथ पर ले जाने वाले डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम को भावंजलि के रूप में इस विश्वविद्यालय का नाम उनके नाम का रखा गया है। प्राविधिक शिक्षा के उच्च मानकों के अनुरूप शिक्षण एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता हेतु तत्पर इस विश्वविद्यालय में वर्तमान में 621 महाविद्यालय सम्बद्ध हैं तथा 02 लाख 86 हजार से भी अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हंै।

योगी जी ने कहा कि डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री जी के डिजिटल इण्डिया अभियान को मजबूती से आगे बढ़ाते हुए सभी भुगतानों को आॅन लाइन करने के साथ ही, विद्यार्थियों का नामांकन तथा उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन आदि में डिजिटल माध्यम प्रयोग कर रहा है। विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए स्टूडेंट ग्रिवांस एप विकसित करने के साथ ही विश्वविद्यालय छात्रों में करके सीखो की संस्कृति विकसित करने के लिए भी काम कर रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा इंजीनियरिंग की शिक्षा के लिए आवश्यक इनोवेशन, इम्लीमेंटेशन, इंटीग्रेशन और इन्क्यूबेशन का समावेश भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की आर्थिक असमानता, आर्थिक कदाचार को समाप्त करने की मंशा से शुरू की गई भीम एप तथा भीम आधार सेवा को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार और कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए डिजिटल और कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा दे रही है, जिससे अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम किया जा सके। इसके लिए राज्य सरकार के सभी विभागों में ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू की गई है। प्रदेश सरकार सरकारी कार्यालयों में ई-आॅफिस तथा चिकित्सालयों और मेडिकल काॅलेजों में ई-हाॅस्पिटल की व्यवस्था लागू करने के लिए प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने 60 हजार जनसेवा केन्द्रों को भीम एप से जोड़ा है। साथ ही, 16 हजार बैंक शाखाओं का भी भीम एप के माध्यम से डिजिटल सशक्तीकरण किया गया है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017-18 में 312 करोड़ डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

योगी जी ने कहा कि पावर ग्रिड कारपोरेशन की 400 के0वी0 लखनऊ-कानपुर डी0सी0 ट्रांसमिशन लाइन प्रदेश के पूर्वी भागों के राज्यों की उच्च क्षमता की उत्पादन इकाईयों से प्रदेश और देश के उत्तरी क्षेत्र को विद्युत पहुंचाने में सहायक होगी साथ ही, प्रदेश की विद्युत आपूर्ति क्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के आवासहीन परिवारों को मकान उपलब्ध कराने के लिए 24 लाख आवास निर्मित किए जाने हैं। इस योजना के तहत अभी तक 6 लाख से अधिक परिवारों का पंजीकरण किया गया है। साथ ही, 5 लाख 43 हजार आवासों की स्वीकृति देकर प्रथम किश्त भी प्रदान कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष 10 लाख से अधिक आवासों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। आगामी तीन वर्षों में प्रदेश सरकार 24 लाख आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त कर लेगी।

तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के लिए प्रदेश की राजधानी लखनऊ को चुनने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जहां अन्य लोग सोचना बन्द करते हैं मोदी जी उसके आगे सोचते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक सपूत को राष्ट्रपति के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करके प्रधानमंत्री जी ने प्रदेश की 22 करोड़ जनता के साथ ही, यहां के गांव, गरीब तथा दलित को सम्मान देने का काम किया है। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री जी की मार्गदर्शन में देश के साथ प्रदेश के सतत विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ने स्वागत सम्बोधन दिया।

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