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किसी भी प्रकार के उतार-चढ़ाव के बीच भी स्वस्थ मन के साथ जीने की कला योग से सीखने को मिलती है

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज यहां तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि योग की एक विशेषता मन को स्थिर रखने की है। किसी भी प्रकार के उतार-चढ़ाव के बीच भी स्वस्थ मन के साथ जीने की कला योग से सीखने को मिलती है। योग स्वयं भी व्यक्ति से समष्टि तक की यात्रा है। एक समय में यह ऋषियों की साधना का ही मार्ग हुआ करता था, परन्तु आज योग घर-घर का हिस्सा बन रहा है। दुनिया के अनेक देश जो हमारी भाषा, संस्कृति नहीं जानते हैं फिर भी योग के माध्यम से वे हमसे जुड़ रहे हैं। यूनाइटेड नेशंस ने कम से कम समय में सर्वाधिक वोटों से योग को अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकृति दी, जिसके चलते हर देश में योग के प्रति आकर्षण बढ़ा है।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पिछले तीन सालों में योग के प्रति पूरे विश्व में आकर्षण बढ़ा है, नए-नए योग इंस्टीट्यूट खुल रहे हैं, योग ट्रेनर्स की मांग बढ़ी है। लोग योग को प्रोफेशन के रूप में अपना रहे हैं। योग ने विश्व में एक नया जाॅब मार्केट क्रिएट कर दिया है। उन्होंने कहा कि योग शरीर, मन व बुद्धि को जोड़ता है। पहले लोग योग को अपनी तरह से करते थे, फिर इसका स्टैण्डर्डाइजेशन शुरू हुआ। पिछले वर्ष यूनेस्को ने योग को मानव संस्कृति की एक अमर विरासत के रूप में मान्यता दी है। विश्व के संगठन, स्कूलों काॅलेजों में बच्चों को योग की ट्रेनिंग मिले और यह धीरे-धीरे उनके जीवन का हिस्सा बने, इसकी आवश्यकता बढ़ी है।

मोदी जी ने कहा कि भारत के कई राज्यों ने योग को शिक्षा का अंग बनाया है, ताकि हमारी भावी पीढ़ियां इससे परिचित हो और इसकी अभ्यासी बनें। उन्होंने कहा कि हेल्थ के लिए कई प्रकार के प्रकल्प होते हैं, लेकिन फिटनेस और हेल्दी होने से भी ज्यादा वेलनेस का महत्व होता है। वेलनेस को सहजता से प्राप्त करने के लिए योग एक बहुत बड़ा माध्यम है। आज योग के सामने दुनिया में कहीं पर भी सवालिया निशान नहीं है। इसमें समयानुकूल परिवर्तन होते रहे हैं। विश्व के विभिन्न समाज इसमें कुछ न कुछ जोड़ते रहे हैं। स्थल, काल, परिस्थिति तथा आयु के अनुकूल योग में उत्तरोत्तर विकास और विस्तार होता रहा है। उन्होंने उपस्थित लोगों से योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह करते हुए इसका सफल अभ्यासी बनने की सलाह दी।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जब हम पहली बार योग करते है तो शरीर के अनेक अंग जो सुसुप्तावस्था में रहते हैं, वे सक्रिय हो जाते है। योग से उनमें जागरूकता आने लगती है, वे चैतन्य हो जाते है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से भोजन में नमक की आवश्यकता होती है उसी प्रकार से यदि जीवन में नमक न हो तो जीवन नहीं चलता। योग का हमारे जीवन में यही स्थान है। जीरो काॅस्ट से हेल्थ एश्योरेंस की ताकत योग में है। उन्होंने कहा कि यदि योग के माध्यम से देश के साथ-साथ पूरे विश्व के लोग स्वस्थ शरीर तथा स्वस्थ बुद्धि प्राप्त कर ले, तो मानव जाति के समक्ष उपस्थित चुनौतियों से उसकी रक्षा हो सकती है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि योग भारत की प्राचीन विधा है और हमारी ऋषि परम्परा का प्रसाद है। वेदों सहित सभी प्राचीन ग्रन्थों ने योग के महत्व को स्वीकारा है। योग जीवन जीने की एक कला है, एक विज्ञान है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में यह आयोजन करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज पूरे प्रदेश के प्रत्येक जनपद के गांव-गांव के अनेक स्थानों पर प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप यह समारोह एक जनान्दोलन तथा जन अभियान के रूप में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस आज एक प्रकार का पर्व हो गया है। भारत की इस प्राचीन विधा को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री जी बधाई के पात्र हंै। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दुनिया के 200 से अधिक देश एक साथ योग करते हुए इस समारोह मंे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी भारत को दुनिया में महाशक्ति के रूप में स्थापित करना चाहते हैं और योग इसका आधार है। योग करने से ऐसा शरीर प्राप्त होता है, जिसमें न रोग है और न ही बुढ़ापा। यह जीवन को अमरता प्रदान करने का मंत्र है, जिसे देश के साथ-साथ पूरी दुनिया को प्रदान किया गया है। आज पूरी दुनिया ने भारत की इस प्राचीन विधा को मान्यता प्रदान की है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को रमाबाई अम्बेडकर मैदान में आयोजित करने के विषय में योगी जी ने कहा कि माता रमाबाई भीमराव अम्बेडकर त्याग, बलिदान और साहस की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने निर्धनता एवं अभावग्रस्तता में भी साहस दिखाते हुए डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। ऐसी महान महिला की स्मृति में बनाये गये मैदान में तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन उनके प्रति सम्मान का प्रतीक है।

इससे पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के उपरान्त प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया। वर्षा होने के बावजूद प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय के बीच स्वयं पहुंचकर योग दिवस पर सभी योगाभ्यासियों के साथ योग किया। उन्होंने कई लोगांे से हाथ भी मिलाया। उपस्थित जनसमुदाय ने करतल ध्वनि से प्रधानमंत्री जी का सम्पूर्ण कार्यक्रम में अभिवादन भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ जी, उपमुख्यमंत्रियों श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डाॅ0 दिनेश शर्मा ने भी योगाभ्यास किया।
कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपाद येस्सो नाईक सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा अनेक गणमान्य व्यक्ति तथा योग साधक मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में प्रदेश के सभी मण्डलों सहित आदर्श कारागार लखनऊ में आयोजित कार्यक्रमों का सजीव प्रसारण भी किया गया।

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