नई दिल्ली: ‘सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना अत्यंत जरूरी है। भारत ने गैर-वार्ता योग्य रणनीति के रूप में स्वास्थ्य प्रणालियों की मजबूती को प्राथमिकता प्रदान की है।’ ये बातें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने आज चीन के तियानजिन में आयोजित ‘ब्रिक्स के स्वास्थ्य मंत्रियों’ की बैठक को संबोधित करने के दौरान कहीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ‘स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करें और स्वास्थ्य संबंधी एसडीजी को हासिल करें’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
अपने संबोधन में श्री नड्डा ने सुदृढ़ एवं लचीली स्वास्थ्य प्रणालियां बनाने की अहमियत पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य प्रणालियों की मजबूती की बात इस बुनियादी तथ्य से उभर कर सामने आती है कि सर्वाधिक सुनियोजित अथवा सोच-समझ कर की गई स्वास्थ्य संबंधी पहल भी एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली के बिना कामयाब नहीं हो सकती है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा संबंधी प्रावधान, उपयोग और स्वास्थ्य से जुड़े आचरण एवं तौर-तरीकों को अपनाने सहित सुलभ कराई गई स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं दक्षता में सुधार शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक योगदान में वृद्धि भी करता है क्योंकि इसके तहत रोजगारों की संख्या बढ़ती है, बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में निवेश होता है और स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करनी पड़ती है ।
श्री नड्डा ने प्रतिभागियों को बताया कि भारत द्वारा अपनाई गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 एसडीजी-3 लक्ष्यों से अच्छी तरह जुड़ी हुई है। श्री नड्डा ने कहा, ‘नई नीति दरअसल सभी नीतियों में स्वास्थ्य, व्यापक, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था, टीका एवं दवा सुरक्षा में सुधार और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में प्रगतिशील सुधार को प्रतिपादित करती है।’ श्री नड्डा ने यह भी कहा कि दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) एसडीजी-3 की प्राप्ति की दिशा में प्रमुख वाहक का प्रतिनिधित्व करता है और यह अपने अगले चरण में अपने लक्ष्यों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 और एसडीजी-3 से जोड़ने जा रहा है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए श्री नड्डा ने कहा कि भारत ने सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत टीकों की संख्या में बढ़ोतरी की है और ‘मिशन इन्द्रधनुष’ का शुभारंभ किया है जिसका उद्देश्य इससे वंचित लोगों तक पहुंच सुनिश्चित करके इसकी कवरेज में वृद्धि करना है। श्री नड्डा ने कहा कि भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण समझे जाने वाले मानव संसाधन की कमी दूर करने के लिए संख्या एवं गुणवत्ता दोनों में ही वृद्धि करने और कौशल के उचित मिश्रण के साथ-साथ भौगोलिक वितरण के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। मेडिकल सीटों में वृद्धि करना, अनारक्षित क्षेत्रों में अवस्थित मेडिकल कॉलेजों के जिला अस्पतालों का उन्नयन करना और नए एम्स खोलना इन कदमों में शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि हाल ही में शुरू किए गए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत गरीबों को निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इस कार्यक्रम का संचालन सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर किया जा रहा है। श्री नड्डा ने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) में निवारक देखभाल, मजबूत आईटी प्लेटफॉर्म, सुदृढ़ शिकायत निवारण प्रणाली को समाहित करने के अलावा इसमें ज्यादा लोगों को शामिल करने, लाभ का दायरा बढ़ाने और वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त कवरेज देने पर विशेष जोर दिया गया है।
श्री नड्डा ने यह भी कहा कि समय से पहले मृत्यु दर और रुग्णता के कारण गैर-संचारी रोग (एनसीडी) के बढ़ते बोझ की समस्या से निपटने के लिए भारत ने पांच सामान्य एनसीडी के लिए एक सार्वभौमिक आबादी आधारित निःशुल्क जांच, नियंत्रण एवं प्रबंधन कार्यक्रम शुरू किया है। इसके साथ ही इसे अगले कुछ वर्षों के दौरान दुनिया के सबसे बड़े आबादी आधारित जांच एवं प्रबंधन कार्यक्रमों में शामिल करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
भारत सरकार की प्रतिबद्धता का फिर से उल्लेख करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत विशेषकर ‘स्वास्थ्य क्षेत्र में रणनीतिक परियोजनाओं में सहयोग के लिए ब्रिक्स फ्रेमवर्क’ के जरिये ब्रिक्स के सदस्य देशों के साथ सहयोग सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है।
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