देहरादून: राजभवन में नेशनल पुलिस एकेडमी से आए 20 प्रोबेशनर आईपीएस अधिकारियों (आर.आर. 2016 बैच) ने राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल से शिष्टाचार भेंट की। राज्यपाल ने प्रोबेशनर आईपीएस अधिकारियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जनसामान्य की सहायता करना व उनकी समस्याओं को दूर करना, अधिकारी की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। अधिकारी की सफलता मेजिकल केट(ब्।ज्) पर निर्भर करती है। ‘सी’ से क्रेडिबिलिटी, ‘ए’ से एकाउंटबिलिटी व ‘टी’ से ट्रांसपेरेन्सी। वर्तमान परिपे्रक्ष्य में सूचना तकनीक व साईबर क्राईम को नियंत्रित करने में दक्षता होनी चाहिए।
राज्यपाल ने अपने अनुभव प्रोबशनर आईपीएस अधिकारियों से साझा करते हुए कहा कि अधिकारी जितना जनता से जुड़ा होता है, उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए तत्पर होता है, उतनी ही उसकी विश्वसनीयता बढ़ती है। जब आप, लोगों की सहायता करने के लिए सदैव तैयार रहेंगे तो लोग खुद ही आपके पास आएंगे और उनसे आपको महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिलने लगेंगी। राज्यपाल ने कहा कि अधिकारी का कर्तव्यनिष्ठ होना भी आवश्यक है। अपने दायित्वों के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए। पारदर्शिता, सफलता के लिए जरूरी तीसरा सूत्र है।
राज्यपाल ने कहा कि नियमों की जानकारी के साथ ही सामान्य बुद्धि (common sense) भी महत्वपूर्ण है। पुलिस थानों का सुपरविजन का भी ज्ञान होना चाहिए। मातहत स्टाफ का सहयोग आवश्यक है परंतु प्रत्येक जानकारी के लिए अपने मातहत स्टाफ पर पूर्ण निर्भरता सही नहीं है। वर्तमान परिपे्रक्ष्य में सूचना तकनीक व साईबर क्राईम को नियंत्रित करने में दक्षता होनी चाहिए। राज्यपाल ने प्रोबेशनर अधिकारियों से उनको दी जा रही ट्रेनिंग व भ्रमण कार्यक्रम के बारे में जानकारी ली। प्रोबेशनर अधिकारियों को राज्यपाल द्वारा स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए गए।