नई दिल्ली: ‘मिशन परिवार विकास उच्च टीएफआर वाले के सात राज्यों के 146 उच्च प्रजनन वाले जिलों पर ध्यान केन्द्रित करेगा। इसके तहत बेहतर सेवापूर्ति के जरिये जनसंख्या स्थिर करने के लिए विशेष लक्ष्य आधारित कदम उठाये जायेंगे।’ यह बात केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे पी नड्डा ने आज यहां विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या स्थिरता कोष (जेएसके) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल भी उपस्थित थीं।
श्री नड्डा ने कहा कि मिशन परिवार विकास मंत्रालय की नई पहल है, जिसके तहत सेवाओं के प्रावधान, प्रोत्साहन योजनाओं, वस्तु सुरक्षा, क्षमता बढ़ाना, सुलभ वातावरण और गहन निगरानी के जरिये बेहतर पहुंच पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। श्री नड्डा ने इन जिलों के लिए सूक्ष्म योजना तैयार करने और टीएफआर की समस्या से निपटने के लिए आवश्यकता आधारित कार्यक्रम तैयार करने के लिए टीम को बधाई दी। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को कार्यक्रम की अर्ध-वार्षिक समीक्षा करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ‘हमने लोगों की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गर्भ निरोधकों में बढोत्तरी की है और गुणवत्तापरक सेवाएं तथा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अंतिम उपभोक्ता तक वस्तु आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये हैं।’
श्री जे पी नड्डा ने ‘अंतरा’ कार्यक्रम के अन्तर्गत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में नए इंजेक्शन को शामिल किया और नए सॉफ्टवेयर-परिवार नियोजन तार्किक प्रबन्धन सूचना प्रणाली (एफपी-एलएमआईएस) का शुभारंभ किया। यह सॉफ्टवेयर आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को सुदृढ करने के लिए स्वास्थ्य सुविधा और आशा केन्द्रों में निरोधकों की मांग और वितरण के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने परिवार नियोजन पर नई उपभोक्ता अनुकूल वेबसाइट और 52 सप्ताह के रेडियो कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया। रेडियो कार्यक्रम में विवाह और परिवार नियोजन से संबंधित मुद्दों पर दम्पत्ति चर्चा करेंगे, जिसे देशभर में प्रसारित किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने मंत्रालय के जीवन चक्र के दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला और कहा कि मंत्रालय ने “प्रजननशील मातृ, नवजात शिशु, बाल और किशोरावस्था स्वास्थ्य (आरएमएनसीएच + ए) के लिए सामरिक दृष्टिकोण के साथ देखभाल जारी रखने पर ध्यान केंद्रित किया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सतत विकास पर जनसंख्या गतिशीलता का काफी प्रभाव पड़ता है। जनसंख्या वृद्धि दर और आयु संरचना में परिवर्तन राष्ट्रीय और वैश्विक विकास संबंधी चुनौतियों और उनके समाधान से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण इतना बड़ा मुद्दा है कि अकेले सरकार इसे हल नहीं कर सकती इसलिये गैर सरकारी संगठनों, निजी तथा कॉर्पोरेट क्षेत्र को महत्वपूर्ण सामूहिक भागीदारी की भूमिका निभानी चाहिये।
श्री जे पी नड्डा ने बच्चों में परिवार स्थिरीकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जनसंख्या स्थिरता कोष द्वारा आयोजित चित्रकला प्रतिस्पर्धा के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए।
इस कार्यक्रम में अपर सचिव और महानिदेशक श्री आर के वत्स, संयुक्त सचिव, प्रजनन बाल स्वास्थ्य देखभाल श्रीमती वंदना गुरनानी और जनसंख्या स्थिरता कोष की कार्यकारी निदेशक श्रीमती नीति नाथ के अतिरिक्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।