नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में शोलापुर-बीजापुर सेक्शन पर नये राष्ट्रीय राजमार्ग-52 (पूर्व में एनएच 13) के चार लेन को विकसित करने की मंजूरी दे दी है। करीब 110 किलोमीटर लंबे 4 लेन वाले इस राजमार्ग के विकास पर करीब 1889 करोड़ रूपये लागत आएगी। इसमें भूमि अधिग्रहण और निर्माण पूर्व क्रिया-कलापों की लागत भी शामिल है।
प्रभाव:
यह सड़क वर्तमान में दो लेन की है और महाराष्ट्र के भीड़-भाड़ वाले शोलापुर, ताकली और नंदनी तथा कर्नाटक में जल्की, होर्ती और बीजापुर से गुजरती है। यह दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ती है। इस सड़क को चार लेन में विकसित करने से यह राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के उत्तर-दक्षिण गलियारे के लिए एक वैकल्पिक मार्ग बन सकेगा। इस सड़क के विकसित हो जाने, शोलापुर और बीजापुर पर बाईपास बनने तथा 6 फ्लाइओवरों के निर्माण से यात्रा समय बचेगा और वाहनों की संचालन लागत कम होने के साथ-साथ महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में बुनियादी ढांचे के सुधार में तेजी आएगी। यह सड़क सघन यातायात वाले बंगलुरु-चित्रदुर्ग-बीजापुर-शोलापुर-औरंगाबाद-धुले-इंदौर-ग्वालियर यातायात गलियारे का हिस्सा है।
दो बाईपास के प्रावधान से शोलापुर और बीजापुर के शहरी इलाकों में भीड़-भाड़ कम हो सकेगी। इसी प्रकार 6 फ्लाईओवर के बनने से शोलापुर, मनद्रुप, जल्की और बीजापुर में यातायात की गति बढ़ने के साथ ही इलाके में भीड़-भाड़ कम हो सकेगी। सड़क के किनारे ट्रकों को खड़ा करने के लिए दो स्थानों के बनने से माल ढुलाई करने वाले वाहन सुगमता से चल सकेंगे। विश्राम के लिए बनाए गए दो क्षेत्रों में दी गई सुविधाओं से भी ट्रक चालकों को लाभ मिलेगा। परियोजना के 14 किलोमीटर के क्षेत्र में दोनों तरफ सर्विस रोड़, करीब 40 किलोमीटर में स्लिप रोड़ और 24 स्थानों पर बस शेल्टरों के प्रावधान से लंबी दूरी के व्यवसायिक वाहन सुरक्षित और सुचारू रूप से चल सकेंगे। साथ ही बसे हुए/शहरी इलाकों में स्थानीय यातायात सुगम हो जाएगा। पर्यटकों को बीजापुर, हम्पी और चित्रदुर्ग जैसे नजदीकी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के लिए बेहतर सम्पर्क का लाभ मिलेगा।
इस परियोजना से स्थानीय श्रमिकों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी। यह अनुमान लगाया गया है कि एक किलोमीटर राजमार्ग के निर्माण के लिए कुल 4076 मानव दिवसों की जरूरत पड़ेगी। इस खंड के निर्माण के लिए लगभग 448360 मानव दिवसों का रोजगार, स्थानीय रूप से सृजित होने का अनुमान है। यातायात परिस्थितियों में सुधार के कारण होने वाला रोजगार सृजन, उपरोक्त से अतिरिक्त होगा।
संवर्धित कनेक्टिविटी:
बीजापुर, हॉस्पेट के नजदीक हंपी तथा चित्रदुर्ग जैसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों को बढ़ी हुई कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा तथा सोलापुर जोकि एक महत्वपूर्ण टेक्सटाइल केंद्र है को आर्थिक अवसरों में बढ़ोतरी के कारण फायदा होगा। इस खंड पर वर्तमान में 20000 पीसीयू ट्रैफिक मौजूद है। भविष्य में होने वाली यातायात की बढ़ोतरी के कारण इस खंड का चार लेन में विस्तार भारत सरकार द्वारा बहुत ही समयपरक कदम है