देहरादून: यूएनडीपी (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) के कंट्री डायरेक्टर याको सिलियस ने उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास में हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिया। कहा कि राज्यों के साथ कार्य करने के लिए आर्थिक मामले मंत्रालय भारत सरकार ने स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तय किया है। इस सिलसिले में मुख्य सचिव एस.रामास्वामी की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक हुई। विभागीय सचिवों ने अपने-अपने विभाग में सहयोग के विभिन्न बिन्दुओं को यूएनडीपी टीम के सामने रखा।
मुख्य सचिव ने बताया कि यूएनडीपी 2018 से 2022 तक उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करेगा। 15 दिन के अंदर राज्य सरकार की प्राथमिकताओं की सूची सौंप दी जाएगी। देहरादून में यूएनडीपी अपना क्षेत्रीय कार्यालय खोलेगा। सितंबर, अक्टूबर तक यूएनडीपी के एक्सपर्ट और आपरेशन टीम उत्तराखंड का दौरा कर विकास कार्यक्रमों को फाइनल कर लेगी। जनवरी 2018 से उत्तराखंड में यूएनडीपी के कार्य शुरू हो जाएंगें।
कंट्री डायरेक्टर ने बताया कि यूएनडीपी उत्तराखंड में पर्यटन, जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, औषधीय पौधे, लघु उद्योग, नेहरू युवा केन्द्र और एनएसएस को सुदृढ़ करने, आजीविका सुरक्षा, हिमालयी एको सिस्टम, टीका प्रणाली में सुधार और नैनी झील को पुनर्जीवित करने में सहयोग करेगा ।
इस दौरान डिप्टी कंट्री डायरेक्टर डॉ.राकेश कुमार, प्रोग्राम मैनेजर मनीष मोहन दास, प्रमुख सचिव एमएसएमई मनीषा पंवार, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव ऊर्जा राधिका झा, सचिव वन अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव राघव लंगर, हरीश चंद सेमवाल और यूएनडीपी के अन्य लोग उपस्थित थे।