नई दिल्ली: प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं पद्म विभूषण विजेता डॉ. के. कस्तूरीरंजन ने आज बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय आकलन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के परिसर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2017 का मसौदा तैयार करने वाली समिति के तकनीकी सचिवालय के नये कार्यालय का उद्घाटन किया। इस समिति का गठन डॉ. के. कस्तूरीरंजन की अध्यक्षता में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किय गया है, जिसमें देशभर के जाने-माने विशेषज्ञ शामिल हैं। इस समिति को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2017 का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह तकनीकी सचिवालय एनएएसी के परिसर में ही है और यूजीसी इसके लिए प्रमुख एजेंसी है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2017 का मसौदा तैयार करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष डॉ. कस्तूरीरंजन ने उद्घाटन समारोह के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति सटीक एवं कारगर होगी और इसमें समग्र राष्ट्रीय विकास के लिए व्यापक परिप्रेक्ष्य होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को ‘तक्षशिला’ और ‘नालंदा’ जैसे अनेक प्रभावशाली केन्द्र सुलभ कराए हैं। हालांकि आज के परिदृश्य में इस तरह के जुड़ाव का सख्त अभाव देखा जा रहा है। इस खाई को पाटने की जरूरत है, ताकि भारतीय शिक्षा को आज की वैश्विक शिक्षा के उच्च स्तर के दायरे में लाया जा सके।
इस अवसर पर एनएएसी के निदेशक प्रो. डी.पी. सिंह ने एक ऐसी समग्र शिक्षा की जरूरत पर विशेष बल दिया, जो आधुनिक ज्ञान और प्राचीन बुद्धिमता के बीच समुचित संतुलन स्थापित कर सके। इससे लोगों को सामाजिक, राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तरों पर जोड़ने में शिक्षा एक कारगर साधन साबित हो सकेगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2017 का मसौदा तैयार करने के लिए गठित समिति के सदस्य प्रो.एम.के. श्रीधर ने समिति के उद्देश्यों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि समस्त हितधारकों के दृष्टिकोण एवं सुझावों को ध्यान में रखते हुए समिति इस साल के आखिर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने का मन बना रही है।