नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा है कि एकल डीमेट खाते और एकसमान केवाईसी नियमों पर कार्रवाई में तेजी लाई जानी चाहिए और इस बारे में अनुकूल नियमन संरचना लागू की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि समान खाता संग्रह सुविधा का प्रावधान लोगों को बैंक खातों, शेयरों, बीमा की पॉलिसियों, म्युचल फंडों और अन्य वित्तीय उत्पादों जैसी उनकी वित्तीय परिसंपत्तियों का विवरण सुलभ कराने में मदद करता है। वित्त मंत्री यहां वित्तीय स्थिरता व विकास परिषद (एफएसडीसी) की 12वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इस बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. रघुराम जी राजन, वित्त सचिव और आर्थिक मामलों के सचिव श्री राजीव महर्षि, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. अरविन्द सुब्रह्मनियन, सेबी के चेयरमैन श्री यू के सिन्हा, इरडा के चेयरमैन श्री टी एस विजयन, एफएमसी के चेयरमैन श्री रमेश अभिषेक, पीएफआरडीए के अध्यक्ष श्री हेमंत जी कांट्रेक्टर और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा वित्तीय क्षेत्र के नियामकों ने भाग लिया।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री जेटली ने वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग (एफएसएलआरसी) की गैर विधायी अनुशंसाओं के क्रियान्वयन पर नियामकों की प्रगति की निगरानी के लिए एक एमआईसी पोर्टल का शुभारंभ किया।
परिषद ने पिछली बैठकों में किए गए फैसलों पर सदस्यों द्वारा उठाये गए कदमों की व्यापक समीक्षा की।