Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मुख्यमंत्री ने लखनऊ के कुकरैल बंधे पर निर्माणाधीन मार्ग तथा उपरिगामी सेतु के लिए सेना से वर्किंग पर्मिशन दिलाने का अनुरोध किया

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रीकर से जनहित में लखनऊ के कुकरैल बंधे पर निर्माणाधीन 6 लेन मार्ग/उपरिगामी सेतु के पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए सेना से वर्किंग पर्मिशन शीघ्र देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।

श्री पर्रीकर को लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री ने अवगत कराया है कि लखनऊ महानगर में कुकरैल बन्धे के ऊपर 6 लेन चैड़ा मार्ग निर्माणाधीन है, जिसकी लम्बाई 4.180 किलोमीटर है। मार्ग के अतिरिक्त 1,020 मीटर लम्बाई में फ्लाईओवर/उपरिगामी सेतु भी निर्माणाधीन है। इस मार्ग के 2.55 किलोमीटर लम्बाई में मार्ग निर्माण पूरा हो चुका है। शेष निर्माण कार्य सेना द्वारा आपत्ति किए जाने के कारण लम्बित है।
श्री यादव ने लिखा है कि इस मार्ग के निर्माण से लखनऊ महानगर की कई महत्वपूर्ण कालोनियों खुर्रमनगर, विकास नगर, इन्दिरा नगर की जनता को रेलवे स्टेशन एवं एयरपोर्ट जाने के लिए सुगम एवं सीधा मार्ग उपलब्ध हो जाएगा तथा शहर के टैªफिक जाम की समस्या से मुक्ति मिल सकेगी। इस सम्बन्ध में उन्होंने अपने पूर्व पत्र का हवाला भी दिया है, जिसके माध्यम से उन्हांेने श्री पर्रीकर से लखनऊ शहर की टैªफिक समस्या के निराकरण हेतु सेना से अनापत्ति दिलाने का अनुरोध किया था।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री को अवगत कराया है कि सेना द्वारा अवशेष 1.630 कि0मी0 लम्बाई में मार्ग निर्माण में यह आपत्ति जतायी गई है कि इस भाग में ट्रांस गोमती फायरिंग रेंज एवं कुकरैल फायरिंग रेंज का भाग आता है। इसी प्रकार फ्लाई ओवर एवं उपरिगामी सेतु के भाग में भी सेना द्वारा ट्रांस गोमती फायरिंग रेंज का भाग आने के सम्बन्ध में आपत्ति की गई है। जबकि इन दोनों ही फायरिंग रेंज के आस-पास घनी आबादी है एवं वर्षों से फायरिंग रेंज आॅपरेशनल नहीं है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा 12 जून, 2013 को निर्माण कार्य की वर्किंग पर्मिशन के तीन प्रस्ताव कमाण्ड हेडक्वार्टर, लखनऊ को भेजते हुए अनुरोध किया गया था कि भूमि का स्वामित्व अपरिवर्तित रखते हुए केवल निर्माण की अनुमति प्रदान की जाए। 05 अगस्त, 2013 को सेना से एन0ओ0सी0 प्राप्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग एवं सेतु निगम के अधिकारियों की एक बैठक नई दिल्ली में हुई थी। इस बैठक में भी यही अनुरोध दोहराया गया था कि बिना भूमि हस्तान्तरण किए निर्माण की आॅपरेशनल अनुमति प्रदान कर दी जाए।
इसी क्रम में प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अपने पत्र 19 अगस्त, 2013 के माध्यम से अपर सचिव, रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली तथा सचिव रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से 21 अप्रैल, 2015 के पत्र द्वारा आॅपरेशनल अनुमति प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया है। मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने भी अपने पत्र 19 अगस्त, 2014 के द्वारा जनरल आॅफीसर कमाण्डिंग इन चीफ, सेण्ट्रल कमाण्ड, लखनऊ से निर्माण की वर्किंग पर्मिशन निर्गत करने हेतु अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री ने श्री पर्रीकर को यह भी अवगत कराया है कि विषयगत भाग में पूर्व से ही ईंट सोलिंग का मार्ग बना है एवं बंधे के किनारे आर0सी0सी0 वाॅल बनाकर मार्ग चैड़ा किया जाना प्रस्तावित है। किसी अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता नहीं है। सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए बंधे के ऊपर ही मार्ग का निर्माण किया जाएगा। अवशेष 330 मीटर लम्बाई में फ्लाई ओवर/उपरिगामी सेतु का निर्माण बंधे के बगल में नाले की ओर किया जाएगा एवं सेना की अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता नहीं होगी, केवल निर्माण की आॅपरेशनल अनुमति प्रदान की जानी है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More