देहरादून: राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा है कि स्कूली शिक्षा को रोचक व आकर्षक बनाए जाने की जरूरत है। इसमें ई-लर्निंग व मल्टीमीडिया उपयोगी हो सकते हैं। राज्यपाल मंगलवार को राजभवन में डिवाईन लाईट ट्रस्ट, मसूरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि ई-लर्निंग व आॅडिया-विजुअल लर्निंग को स्कूली शिक्षा तक पहुंचाए जाने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि बच्चे कल का भविष्य हैं और इसे संवारने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आधुनिक तकनीक, शिक्षको का स्थान तो नही ले सकती है परंतु क्वालिटी एजुकेशन में मल्टीमीडिया शिक्षकों के लिए सहायक हो सकता है। शिक्षा जितनी रोचक व आकर्षक तरीके से दी जाती है उतनी ही आसानी से बच्चे समझ पाते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि देहरादून, नैनीताल में विश्व प्रसिद्ध स्कूल हैं। प्राईवेट स्कूलों में दी जाने वाली सुविधाएं, सरकारी स्कूलों में भी उपलब्ध करवानी होंगी। विशेष रूप से राज्य के दूरस्थ व पर्वतीय क्षेत्रों के स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है। मल्टीमीडिया का प्रयोग इसमें बहुत उपयोगी हो सकता है।
राज्यपाल ने डिवाईन लाईट ट्रस्ट को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि उनके द्वारा विकसित ‘‘चेतना-ई लर्निंग प्रोग्राम’’ से चिन्हित किए गए स्कूलों के बच्चे लाभान्वित होंगे।
डिवाईन लाईट ट्रस्ट के डाॅ. सुनील सेनन ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा आॅडियो विजुअल माध्यम से बच्चों को रोचक तरीके से विभिन्न विषयों पर जानकारी देने के लिए ‘चेतना-लर्निंग प्रोग्राम’ विकसित किया गया है। यह प्रोग्राम राज्य के 40 सरकारी स्कूलों को उपलब्ध करवाया गया है।