नई दिल्ली: इस प्रतियोगिता का विजेता थाईलैंड में अगले साल होने वाले ‘मिस इंटरनेशनल ट्रांसक्वीन’ में देश का प्रतिनिधित्व करेगा.सौंदर्य प्रतियोगिता आयोजित करने वाली कंपनी सुहानी ड्रीमकैचर्स संस्थापक रीना राय ने कहा, ‘‘ट्रांसजेंडर लोगों में अपने रूचि के करियर में आगे बढ़ने को लेकर अक्सर विश्वास की कमी होती है. हम इसे बदलना चाहते हैं.’’ अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इटंरव्यू में इसकी आयोजक रीना रॉय ने बताया…
रीना रॉय, एक गृहणी हैं जोकि दिल्ली के पटेल नगर इलाके में रहती हैं. वहां उनकी मुलाकात विप्पी से होती है, जोकि एक ट्रांसजेंडर है, और वहीं उनके घर के पास के एक पार्लर में काम करती हैं. दोनों के बीच बातचीत के दौरान दोस्ती होती है. रीना के अनुसार, विप्पी उनकी सबसे अच्छी दोस्ती बन जाती है. दोनों अपना सुख- दुख आपस में बांटते हैं. विप्पी की मौजूदगी ने उनकी जिंदगी के खालीपन को प्यार से भर दिया.
रीना और विप्पी की दोस्ती इतनी गहरी हो जाती है कि जहां भी जाते दोनों साथ जाते. साथ खाते. साथ घूमते. विप्पी का अक्सर रीना के घर पर भी जाना होता. विप्पी जब भी घर पर आती, लोग घूरने लगते. मेरी बेटी उसे मौसी कहकर बुलाती थी. लोगों को ये बात और ये दोस्ती अखरती थी. खैर, धीरे-धीरे जैसे ही हम लोग करीब आए, मुझे उसकी समस्याओं के बारे में भी पता चला. खासतौर पर उस वक्त जब मैंने दिल्ली की एक जगह हिजरा हब्बा के बारे में सुना, और वहां गई. वहां मुझे ट्रांसजेंडर के दाग में कई खूबसूरत छिपे हुए चेहरे मिले. जिन्हें समाज दरकिनार कर दिया गया था.
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उस वक्त रीना को लगता है इनके लिए जरूर कुछ किया जाना चाहिए. और आज जैसा की आप जानते हैं दिल्ली में एक फैशन शो का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें 16 फाइनलिस्ट हिस्सा लेंगी. जिन्हें 1500 ट्रांसजेंडर में से चुना गया है. और इन्हीं में से किसी चुनी गई किसी एक खूबसूरत चेहरे को ट्रांस क्वीन इंडिया 2017 का खिताब दिया जाएगा. ऐसा पहली बार होगा जब किसी ट्रांसजेंडर को ताज पहनाया जाएगा.
वहीं दूसरी और रीना की दोस्त, विप्पी का कहना है, कि उनको इस बात का गर्व है की दोस्त रीना ने उनकी जिंदगी बदल दी. बल्कि ट्रांसजेंडर सोसाइटी के लिए भी एक जीने की राह दिखाई है. विप्पी ने बताया, मैं 22 साल की थी जब मेरे पैरेंट्स ने मुझे अपनाने से मना कर दिया था. उस वक्त मैं पूरी तरह टूट गई थी. उस वक्त रीना दीदी ने मेरा हाथ थामा. और मुझे सहारा दिया. मैंने कभी सोचा भी नहीं था, मेरी जिंदगी में इतना अच्छा भी कुछ हो सकता है.
इस प्रतियोगिता में देश के अलग-अलग राज्यों से ट्रांसजेंडर को लिया गया है. रीना ने बताया इस प्रतियोगिता और मेरे सपने को पूरा करने के लिए मेरे पति अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी. हमारे पास अपने बच्चे की फीस देने के लिए भी पैसे नहीं थे, ऐसे वक्त में इस सपने को पूरा करना वाकई बेहद मुश्किल था. लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि आखिरकार हमनें ट्रांसजेंडर के लिए एक सकारात्मक कदम उठाया.