देहरादून: फिक्की लेडिज ऑर्गेनाइजेशन (एफएलओ) देश के विभिन्न भागों (क्षेत्रों) में फैल कर महिलाओं के सशक्तिकरण में अपनी एक खस जगह बना रही है। एफएलओ का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है एवं इस समय इसके 13 खण्ड अहमदाबाद, बैगलूरू, चेन्नई, कोयम्बटूर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकता, लखनऊ, कानपुर, लुधियाना, मुम्बई, पुणे व उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थित हैं।
एफएलओ अपना अगला 14वाँ खण्ड उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में स्थापित करने की तैयारी में है। साल 2000 में यह युवा राज्य औद्योगिक, पर्यटन एवं शिक्षा के क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण स्थन के रूप में उभरा है।
एफएलओ की अध्यक्षा श्रीमती वासवी भरत राम ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि ‘‘देश की आर्थिक वृद्धि की क्रिया को गतिमय करने की प्रक्रिया में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए यह पहला कदम है – ‘महिला उद्यम’ को बढ़ावा देना और इसके लिए उद्योगों, सरकारों व समाज के द्वारा लगातार किए जाने वाले प्रयास आवश्यक है। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कदम है महिलाओं द्वारा अपने कौशल को पहचान कर अपने अंदर के उद्यमी को उन्मुक्त करना। उन्होंने कहा कि एफएलओ महिलाओं को शिक्षित, संवदेनशील व सशक्त बनाकर उन्हें सबसे आगे लाना है।’’ ‘‘एफएलओ की कोशिश रही है कि महिला उद्यमियों व प्रोफेशनलरस को बढ़ावा दे व राज्य में व्यवसायिक वृद्धि में उनकी सहायता कर इस खण्ड की शुरुआत करें। वर्तमान उद्यमियों व संभावित उद्यमी महिलाओं को एफएलओ की छत्रछाया में प्रोत्साहन देना। मैं एफएलओ द्वारा सामूहिक रूप से कार्य कर इस नए खण्ड को आगे बढ़ाने व विकसित करने के लिए उत्साहित हूँ।
यह नया खण्ड जागरूकता, उचित प्रशिक्षण व विकास के कार्यक्रमों द्वारा महिलाओं की योग्यता व क्षमता को बढ़ाकर उन्हें देश की सामाजिक व आर्थिक बढ़ोतरी में योगदान देने के लिए सशक्त करेगा व इसी के साथ महिलाएँ अपनी व्यक्तिगत सामर्थ्य को समझ पाएँगी।
एफएलओ के बारे में
एफएलओ सन् 1983 में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग संघ के विभाजन के रूप में स्थपित किया गया था जो भारत में वाणिज्य एवं उद्योग के सर्वोच्च स्थान पर है। इसका प्राथमिक उद्देश्य है – उद्यमिता और महिलाओं में कार्य की उत्कृष्टता को बढ़ावा देना।
34 वर्षों से अस्तित्व में आए एफएलओ ने अपनी शैक्षिक और व्यवसायिक प्रशिक्षण के अंतर्गत कार्यक्रमों, वार्ताएं, सेमिनार, पैनल चर्चा और कार्यशाला के माध्यम से महिलाओं के विभिन्न कौशल जैसे – सूचना प्रौद्योगिक, कराधान, बीमा, उद्यम पूँजी, स्टॉक मार्केट, ऑपरेशंस, मार्केटिंग – म्युचुअल फण्ड, इन्वेस्टमेन्ट प्लानिंग कार्यक्रम आदि। हम महिलाओं से संबंधित कानूनी और सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान केन्द्रित करते हैं जैसे – समान नागरिक संहिता, घरेलू हिंसा आदि।
दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे पुरानी मण्डलों में से है – एफएलओ जो 13वें स्थान पर है जिसकी उपस्थिति में 5000 महिलाएँ सदस्य हैं।
एफएलओ तीन स्तर पर काम करता है :-
प्राथमिक स्तर पर – ग्रामीणों को अधिक रोजगार, कौशल विकास कार्यक्रम के साथ ही पिछले 2 वर्षों में हमने पारंपरिक और गैर-पारंपरिक नौकरियों में 3239 महिलाओं को सिलाई, फैशन डिजाइनिंग, सुरक्षा गार्ड आदि क्षेत्रों में कुशल बनाया गया है। बैंकिंग, पाक-कला, मशरूम संस्कृति, सजावटी मछली संस्कृति, ड्राइविंग और समुद्री शैक्षणिक खेती साथ ही सौन्दर्य और कल्याण, नर्स सहायता प्रशिक्षण, पैकेजिंग और उपहार देने के क्षेत्र, आभूषण् डिजाइनिंग, कढ़ाई, टेलरिंग, बुनाई आदि में कुशल बनाने का प्रयास रहा है।
मध्यम स्तर – महिलाओं को अपना स्वयं का व्यवसाय स्थपित करने में सहायता करने हेतु – स्वयं एक ऐसी पहल है जिसमें एक महिला को व्यापार योजना के साथ अपने व्यवसाय को सही रूप देने में, सहायता करती है। हमने इसे स्टैण्डअप इंडिया इनिशिएटिव के साथ जोड़ा है।
वरिष्ठ स्तर – महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए एफएलओ अपने कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को बोर्ड तैयारी और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रशिक्षण देने की दिशा में अग्रसर है।
एफएलओ राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करता है अभी हाल ही में तेलंगाना और चेन्नई राज्यो में महिला औद्योगिक पार्क बनाने की जिम्मेदारी भी एफएलओ को सौंपी गई है।
एफएलओ अर्थव्यवस्था को औपचारिक क्षेत्र बनाने में भी नेतृत्व कर रहा है। महिलाओं के लिए समान अवसर की आवश्यकता को महसूस करता है।
भारत में अपनी तरह का पहला कदम है जो औपचारिक क्षेत्र में लैंगिक समानता के स्तर को मापने के लिए लैंगिक समानता सूचकांक बनाया जा रहा है।
जीपीआई का उद्देश्य है – संगठनों के विचार और कार्य के तरीके में बदलाव को प्रोत्साहित करना तथा इस प्रक्रिया में महिलाओं को अवसर प्रदान करने और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना हैं। एफएलओ ‘महिला के लिए पसंदीदा कार्य स्थान’ का एक पुल बनाने का उद्देश्य रखता है जो कि जीपीआई रेटिंग के आधार पर है।