लखनऊ: बेल एक प्रचलित औषधीय फल है जिसके फल के साथ पेड़ के सभी भाग का प्रयोग आयुर्वेदिक एवं धार्मिक रूप मे वैदिक काल से किया जाता रहा है | बेल मे एलकेलाइड जैसे अजीलीन, मारमेसिन, मार्मिन एवं मार्मिलोसिन प्रमुख रूप से पाया जाता है | वर्तमान समय मे यह देखा जा रहा है कि लोगों को प्रायः पेट संबन्धित बीमारियों से प्रभावित हो रहे है | जिसके प्रबंधन मे बेल का अपना एक विशेष महत्व है | अतः वर्तमान समय मे बेल का उत्पादन कृषकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा है। अतः इसके महत्व को देखते हुए आज दिनांक 31.08.2017 को कृषि विज्ञान केंद्र, भाकृअनुप –भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, द्वारा 1.1 हेक्टएर मे बेल की विभिन्न प्रजातियों, नरेंद्र बेल-5, नरेंद्र बेल-7 , नरेंद्र बेल -9, सी आई एस एच बेल – 1 एवं सी आई एस एच बेल – 2 का रोपण 8 x 8 मीटर कि दूरी पर किया गया। संस्थान के निदेशक, डॉ ए डी पाठक ने बेल के पौधे का रोपण कर के विधिवत शुभारंभ किया, साथ ही इसके गुणों के बारे मे अवगत कराया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह रहा कि इस प्रदर्शन इकाई को देख कर किसान प्रेरित हों, और माननीय प्रधान मंत्री जी के महत्वाकांक्षी योजना के अनुरूप कृषकों कि आय दोगुना करने के उद्देश्य से बेल बाग का विकास कृषि विज्ञान केंद्र लखनऊ में किया गया। इस अवसर पर केंद्र के प्रमुख डॉ एस एन सिंह ने लोगों को इसके महत्व के बारे मे बताया तथा कार्यक्रम का विधिवत संचालन भी किया तथा साथ ही साथ इसमें सह फ़सली खेती करने के लिए कृषकों को प्रेरित भी किया। उक्त बाग से उच्च कोटी के स्वास्थ्य पौध सामाग्री विकसित कर कृषकों को उपलब्ध कराई जाएगी जिससे वो अपने कम लागत से अधिक लाभ ले सकेंगे। उक्त अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिक, अधिकारी एवं कर्मचारियों ने परतिभाग किया। इस कार्यक्रम मे केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ विवेका नन्द सिंह, प्रक्षेत्र प्रबन्धक श्री दीप कुमार एवं डॉ बी बी जोशी कि भूमिका अहम रही।