नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। जुलाई 2017 के लिए जीएसटी के भुगतान की अंतिम तिथि 25 अगस्त, 2017 थी। जीएसटी का भुगतान केवल तभी पूरा हो पाता है जब देय कर की रकम को इलेक्ट्रॉनिक कैश/क्रेडिट लेजर (खाता-बही) से डेबिट (निकालना) कर लिया जाता है।
अब उन सभी करदाताओं के लिए विलंब शुल्क को माफ कर दिया गया है जो जुलाई 2017 के लिए ‘जीएसटीआर 3बी’ दाखिल नहीं कर सके थे। हालांकि, कर देनदारी का देरी से भुगतान पर देय ब्याज को माफ नहीं किया गया है।
सभी करदाताओं द्वारा ‘जीएसटीआर 1’ को 5 सितंबर 2017 तक और सभी करदाताओं द्वारा ‘जीएसटीआर 2’ एवं ‘जीएसटीआर 3’ को क्रमशः 10 और 15 सितंबर 2017 तक दाखिल करना अनिवार्य है।
‘जीएसटीआर 3बी’ में त्रुटियां करने वाले करदाता ‘जीएसटीआर 1-2-3’ में सही विवरण भर सकते हैं। हालांकि, उन सभी करदाताओं से ब्याज लिया जाएगा जिन्होंने जुलाई 2017 के लिए अपनी पूरी कर देनदारी का भुगतान 25 अगस्त 2017 तक नहीं किया है।
इसके अलावा, ‘जीएसटीआर 3बी’ के साथ ‘जीएसटीआर 1-2’ के सिस्टम आधारित मिलान के लिए प्रक्रिया को स्पष्ट कर दिया गया है। इसके लिए 01-09-2017 के परिपत्र (सर्कुलर) को देखें।
01-09-2017 के सर्कुलर के लिए अंग्रेजी का अनुलग्नक यहां क्लिक करें