लखनऊ: सीएसआईआर प्लैटिनम जयंती टेक्नोफेस्ट के दूसरे दिन विभिन्न विद्यालयों, कॉलेजों, पूर्व सीएसआईआर निदेशक, सेवानिवृत्त सीएसआईआर कर्मचारियों और यूनिवर्सिटी के फैकल्टी, बायोटेक पार्क, उद्यमियों और आम जनता के 1000 से अधिक सदस्यों ने प्रदर्शनी का दौरा किया और विभिन्न प्रदर्शिनियों को देखा। सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ में एक छत के नीचे सीएसआईआर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियां प्रदर्शित की गईं थी। लखनऊ स्थित सीएसआईआर-केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई) के संसाधन केंद्र, सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर- केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान, कानपुर स्थित सीएसआईआर-केन्द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (सीएलआरआई) के विस्तार और विकास (आरसीईडी) विभाग के वैज्ञानिकों और सदस्यों ने आगंतुकों के साथ बातचीत की। विभिन्न तकनीकियाँ जैसे जल शुद्धिकरण, बीजीआर -34, दिल के दौरे से पीड़ित रोगी के प्रतिमान बदलाव के लिए स्ट्रेप्टोकाईनेज “ब्लॉक बूस्टर”, दूध में मिलावट का पता लगाने, औषधीय और सुगंधित पौधों, अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, सीएसआईआर द्वारा विकसित की गई चमड़े की प्रसंस्करण हेतु हरित प्रौद्योगिकी और कौशल विकास पहल ने उद्योगपतियों सहित अधिकांश आगंतुकों को आकर्षित किया। सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन ने कहा कि सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों की यह अपने प्रकार की एक अनूठी प्रदर्शनी है जिसमे तेल और दूध की गुणवत्ता की जांच करने में यह संस्थान अग्रणी है जो आज के जीवन के आवश्यक उत्पाद हैं।