नई दिल्ली: भारत जापान रक्षा मंत्री स्तरीय वार्षिक वार्ता में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री श्री अरूण जेटली की दो दिवसीय जापान यात्रा के दौरान 5 सितम्बर, 2017 से आयोजित भारत जापान रक्षा मंत्री स्तरीय वार्षिक वार्ता पर संयुक्त प्रेस बयान का मूल पाठ निम्नलिखित है –
- रक्षामंत्री श्री अरूण जेटली जापान के रक्षमंत्री श्री इत्सुनोरी ओनोडेरा के निमंत्रण पर 5 से 6 सितम्बर, 2016 तक जापान की द्विपक्षीय यात्रा पर हैं। दोनों मंत्रियों ने 5 सितम्बर, 2017 को टोक्यो में रक्षामंत्री स्तरीय वार्षिक बैठक की।
- दोनों देशों के मंत्रियों ने ‘’भारत-जापान विशेष रणनीति और वैश्विक साझेदारी’’ की रूपरेखा के अंतर्गत रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग और बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने सितम्बर 2014 में रक्षा सहयोग और आदान-प्रदान पर द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन तथा दिसम्बर 2015 में दो रक्षा समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद से बढ़ते हुये और विविध द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।
- मंत्रियों ने भारत प्रशांत क्षेत्र की वर्तमान सुरक्षा स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने 3 सितम्बर 2017 को उत्तर कोरिया द्वारा किये गये परमाणु परीक्षण की भी कड़ी निंदा की जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के संकल्प सहित अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन है। उन्होंने डीपीआरके से इस प्रकार की कार्यवाही बंद करने का आग्रह किया, जिसका इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- दोनों मंत्रियों ने कहा कि सभी स्तरों विशेष रूप से तीनों सेनाओं के स्तर पर नियमित सैन्य वार्ता करने से आपसी समझ बढ़ती है। उन्होंने आदान – प्रदान बढ़ाने के अवसर तलाशने की अपनी मंशा के बारे में बताया और निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग बढाने का निर्णय लिया –
- संस्थागत वार्ता और दौरे
- रक्षामंत्री स्तरीय वार्षिक बैठक : जापान के रक्षामंत्री 2018 में भारत का दौरा करेंगे।
- 2016 में भारतीय नौसेना प्रमुख ने जापान का दौरा किया और जापान के वायु स्व रक्षा बल और थल स्व रक्षा बल के प्रमुखों ने क्रमश: 2016 तथा 2017 में भारत का दौरा किया। दोनों पक्ष 2018 के पहले 6 महीने में जापान संयुक्त स्व रक्षा बल के सेना प्रमुख की पहली यात्रा आयोजित करने पर सहमत हुए।
- 2018 में छठी रक्षा मंत्री / सचिव स्तरीय रक्षा नीति वार्ता और 5वीं मंत्री/ सचिव स्तरीय ‘’2+2’’ वार्ता भारत में होगी।
- जापान थल स्व रक्षा बल और भारतीय सेना के बीच आदान-प्रदान-
दोनों मंत्रियों ने नवम्बर 2016 में सेना वार्ता पर हुई प्रगति का स्वागत किया और वे दोनों देशों के आपसी हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के रूप में पीकेओ, आतंकवाद का मुकाबला और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत (एचएडीआर) के क्षेत्र में सक्रिय आदान-प्रदान विकसित करने पर सहमत हुए।
जापान थल स्व रक्षा बल (जेजीएसडीएफ) भारतीय सेना को उसके द्वारा आयोजित एचएडीआर अभ्यास का अवलोकन करने के लिए आमंत्रित करेगी। दोनों थल सेनाओं के बीच बढ़ते सहयोग को देखते हुये दोनों मंत्रियों ने 2018 में भारतीय सेना और जेडीएसडीएफ के बीच आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए संयुक्त अभ्यास करवाने की संभावना तलाशने का निर्णय लिया है।
(3) जापान समुद्री स्व रक्षा बल और भारतीय नौसेना के बीच आदान प्रदान
दोनों मंत्रियों ने जुलाई 2017 में जापान – भारत – अमरीका त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास मालाबार 2017 की सफलता पर संतोष व्यक्त किया और इस प्रकार के अभ्यास के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की मंशा की पुष्टि की। जापान के रक्षामंत्री ओनोडेरा ने मालाबार 2018 अभ्यास में जापान के पी-1 सहित अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों को शामिल करने की मंशा व्यक्त की। श्री जेटली ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया।
दोनों मंत्रियों ने भारतीय नौसेना और जापानी समुद्री स्व रक्षा बल (जेएमएसडीएफ) के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण बातचीत के महत्व के बारे में बताया। दोनों पक्ष सहयोग बढ़ाने के लिए पन्डुब्बी-रोधी रक्षा युद्धक (एएसडब्ल्यू) को प्रशिक्षण में शामिल करने पर विचार करेंगे। इसके अलावा दोनों मंत्रियों ने पी-3सी जैसी एएसडब्ल्यू उड्डयन इकाईयों द्वारा आपसी प्रशिक्षण देने पर भी सहमती व्यक्त की। जापान ने जेएमएसडीएफ द्वारा युद्धपोतों के प्रशिक्षण के लिए भारतीय नौसेना के कर्मचारियों को आमंत्रित करने का प्रस्ताव भी रखा।
(4) जापान वायु स्व रक्षा बल और भारतीय वायु सेना के बीच आदान-प्रदान
दोनों मंत्रियों ने फरवरी 2017 में आयोजित ‘’एयरो इंडिया – 2017’’ में जेऐएसडीएफ के उप-प्रमुख के शामिल होने का स्वागत किया। उन्होंने हवा-से हवा में रक्षा और एयर क्रू आदान-प्रदान के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए जेएएसडीएफ के हियाकुरी में एयर रेस्क्यू स्क्वेड्रन में भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर क्रू के दौरे का भी स्वागत किया। दोनों मंत्रियों ने एक दूसरे के एयर बेस पर अपने अपने विमानों की यात्राओं द्वारा सहयोग बढ़ाने के और अवसर तलाशने की मंशा व्यक्त की।
(5) शिक्षा और अनुसंधान आदान-प्रदान
दोनों मंत्रियों ने रक्षा शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में प्रतिनिधित्व के जरिए दोनों पक्षों के बीच कर्मचारियों के आदान प्रदान की सराहना की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सफल द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर संतोष व्यक्त किया जिसमें भारत का संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केन्द्र और जापान का शांति स्थापना प्रशिक्षण और अनुसंधान केन्द्र शामिल है।
(6) रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी में सहयोग
दोनों मंत्रियों ने रक्षा और दौहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों सहित उपकरण सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों और रक्षा उद्योगों के बीच बातचीत बढ़ाने के महत्व का समर्थन किया। उन्होंने रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी पर संयुक्त कार्य समूह के मसौदे सहित रक्षा उपकरण और प्रौदयोगिकी सहयोग के क्षेत्र में सहयोग के विशिष्ट क्षेत्र चिन्हित करने के लिए चर्चा में हुए प्रगति की सराहना की। उन्होंने यूएस-2 जल – थल – चर विमान पर सहयोग के संदर्भ में दोनों देशों द्वारा किये गये प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने अधिग्रहण, प्रौद्योगिकी और उपस्कर एजेंसी (एटीएलए) तथा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच सकारात्मक संबंध का स्वागत किया और वे मानव रहित वाहनों तथा रॉबोटिक्स के क्षेत्र में अनुसंधान सहयोग के लिये तकनीकी चर्चा पर सहमत हुए।
दोनों मंत्रियों ने टोक्यो में एटीएलए और रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) द्वारा रक्षा उद्योग सहयोग पर पहली बैठक करने की भी सराहना की जिसमें बड़ी संख्या में दोनों देशों की सरकारी संस्थाएं और कंपनियां शामिल हुई थी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस बैठक से दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ेगा तथा दोनों देशों की सरकारों और उद्योगों के बीच बातचीत को बढ़ावा मिलेगा। रक्षा मंत्री श्री जेटली ने भारत के रक्षा उत्पादन क्षेत्र में हाल के नीतिगत सुधारों के बारे में जानकारी दी जिसमें विदेश के उद्योगों के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के काफी अवसर है।
श्री जेटली ने जापान यात्रा के दौरान उनके और भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों का स्वागत तथा आतिथ्य सत्कार के लिए श्री ओनोडेरा का आभार व्यक्त किया।