नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि महिलाएं परिवार, समुदाय और राष्ट्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होने इस संबंध में गाँधीवादी विचारक और शिक्षाविद डॉ. जेम्स इमेन्यल क्वागिर के उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘यदि आप एक पुरूष को शिक्षित करते है तो एक व्यक्ति को शिक्षित करते है लेकिन यदि एक महिला को शिक्षित किया जाता है तो एक परिवार को शिक्षा प्राप्त होती है’’। वे आज भारत सरकार की पहल- स्किल इंडिया, ‘कुशल भारत-कौशल भारत’ के तहत हैदराबाद में क्षेत्रीय व्यवसायिक प्रशिक्षण संस्थान की आधारशिला रख रहे थे। इस अवसर पर केन्द्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस व कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री श्री मोहम्मद महमूद अली, तेलंगाना के श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री नैनी नरसिम्हा रैड्डी तथा पूर्व श्रम एवं रोजगार मंत्री व सांसद बंडारू दत्तात्रेय एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश की जनसंख्या का लगभग 50 फीसदी महिलाएं है। महिलाओं को आर्थिक, राजनीतिक एवं प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त किए जाने के लिए हर कदम उठाना चाहिए। उन्होने कहा कि वैदिक समय में महिलाओं को पूर्ण सम्मान दिया जाता था और हमारे यहां माँ लक्ष्मी धन-सम्पदा, माँ दुर्गा शक्ति और सरस्वती ज्ञान की देवी के रूप में पूजी जाती है। उन्होने यह भी कहा कि पुरातन समय में महिलाओं को जो सम्मानित दर्जा प्राप्त था वो आज के आधुनिक युग में देखने को नही मिलता। इस कारण महिलाओं में साक्षरता की दर बहुत कम है और उनका सशक्तिकरण भी बहुत कम हुआ है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीयों में सहज रूप से कौशल विद्यमान है। उद्यमिता के क्षेत्र में उनमे स्वभाविक क्षमताएं मौजूद है। इस समय उन्हें प्रशिक्षण दिए जाने और उनके कौशल को और उन्नत करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि कुशल कार्मिकों की आवश्यकता विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ रही हैं। इसलिए सरकार, उद्योगों एवं स्वयं सेवी संगठनों को मिलकर ऐसे प्रशिक्षण संस्थान खोलने चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि किसी भी प्रशिक्षण एवं कौशल कार्यक्रम का महत्वपूर्ण उपादान यह है कि उससे सभी लाभान्वित हो सके।
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