16 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

नई दिल्ली में आज कुपोषण समस्या या समाधान पर पहला राष्ट्रीय सम्मेलन तीन राज्य पुरस्कृत किए जायेंगे

देश-विदेश

नई दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्रालय मिशन मोड में देश में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए आज नई दिल्ली में पहली बार राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। आज नई दिल्ली में सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि यह सम्मेलन महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन “कुपोषण मुक्त भारत -2022” के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आयोजित हो रहा है।

महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है और इस उद्देश्य के लिए, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नीति आयोग के समग्र सूचकांक के आधार पर और एनएफ़एचएस -4 डेटा से स्टंटिंग प्रचलन के आधार पर राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के 113 जिलों को चिन्हित किया है ताकि चयनित जिले में की गई कार्रवाई को अन्य जिलों में भी अपनाया जा सके। प्रत्येक राज्य / संघ शासित प्रदेश से एक जिले का चयन किया गया है ताकि चयनित जिले में लिए गए निर्णय को अन्य जिलों में भी दोहराया जाए।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अपने तरह के इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य तीन प्रमुख विभागों (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, आईसीडीएस / समाज कल्याण और पेयजल और स्वच्छता) को जिला / ब्लॉक स्तर पर आपस में सक्रिय करना है। इसके लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। स्टंटिंग (विकास अवरोधक), कुपोषण और व्यापक और निर्णायक रूप से बर्बादी की समस्या से निपटने में एक उचित रणनीति तैयार की जाएगी।

इस सम्मेलन में उच्च भार वाले 113 जिलों में जिला कलेक्टर / उपायुक्त / जिला मजिस्ट्रेट के साथ-साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पोषण (आईसीडीएस / एसडब्ल्यू), पेयजल और स्वच्छता विभाग के जिला स्तर के अधिकारी प्रधान सचिवों और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों/ तीनों विभागों के सचिवों के साथ स्टंटिंग, कुपोषण और बर्बादी की समस्या संवाद करेंगे।

इन 113 उच्च बोझ वाले जिलों में जिला मजिस्ट्रेट / जिला कलेक्टर / डिप्टी कमिश्नर एक डैशबोर्ड के माध्यम से, नियमित रूप से तीन महीने की अवधि में कम से कम एक बार अपने क्षेत्राधिकार के विभागों में पोषण के विभिन्न पहलुओं को कवर करने वाली योजनाओं की निगरानी और समीक्षा करेंगे। पोषण और स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष असर वाली योजनाओं को लागू करने के लिए जिला स्तर पर इस तरह की समीक्षा और निगरानी प्रत्येक वर्ष के जनवरी, अप्रैल, जुलाई तथा अक्टूबर महीने की 1 से 10 तारीख जनवरी को विशेष और समर्पित तरीके से होगी।

श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि तीन राज्यों को कल सम्मेलन में सम्मानित किया जाएगा। एनएफएचएस -3 और एनएफएचएस -4 के बीच मापा गया स्टंटिंग में कमी के क्षेत्र में अच्छी प्रगति के लिए इन तीन राज्यों – छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश और गुजरात को सम्मानित किया जाएगा।

महिला और बाल विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ राजेश कुमार ने कहा कि कुपोषण प्रबंधन के लिए बहुपक्षीय रणनीति के लिए हाल ही में मंत्रालय ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसमें आईसीडीएस कर्मियों का प्रशिक्षण, ईसीईसी के लिए एक पाठ्यक्रम विकसित करना तथा अन्य लोगों के बीच खाद्य दिशानिर्देश शामिल हैं।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More