लखनऊ: उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री राममूर्ति वर्मा ने समस्त दुग्ध संघों/सहकारी दुग्ध समितियों के अधिकारियों/प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे दुग्ध उत्पादकों/दुधारू पशुपालकों/कृषकों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ते हुए रिकार्ड दुग्ध की खरीददारी करें। उन्होंने कृषकों/दुग्ध उत्पादकों द्वारा सहकारी दुग्ध समितियों को बिक्रय किये गये दूध का मूल्य शीघ्र भुगतान करने के निर्देश दिये हैं। श्री वर्मा ने दुग्ध समितियों के प्रभारियों/जिला दुग्ध विकास अधिकारियों/दुग्ध संघों के वरिष्ठ अधिकारियों को रिकार्ड दुग्ध की खरीददारी करने के भी निर्देश दिये हैं।
श्री वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा समस्त दुग्ध संघों/सहकारी दुग्ध समितियांे को सुदृढ़ करने के प्रति सजग है। समस्त दुग्ध संघों/समितियों को सक्रिय किया गया है। 07 बन्द पड़े दुग्ध संघों को सक्रिय किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जनपदों के दुग्ध विकास अधिकारी, दुग्ध संघों एवं समितियों के प्रभारियों को किसानों, पशुपालकों तथा दुग्ध उत्पादकों के डोर-टू-डोर जाकर उनसे सीधे दूध उपार्जित करें। उनसे खरीदे गये दूध के मूल्य का भी शीघ्र भुगतान करें। उन्होंने बताया कि किसानों के दूध के बकाया मूल्य के भुगतान हेतु सरकार ने 55 करोड़ ़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है।
दुग्ध विकास मंत्री ने दुग्ध संघों एवं समितियों के प्रभारियों को ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों/किसानों को समिति एवं संघ स्तर पर समय-समय पर उनको अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए अच्छी नस्ल के दुधारू पशुओं के पालन-पोषण, पशु आहार देने और पशुओं की स्वास्थ्य की देख-भाल एवं उन्हें बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिये हैं।
श्री वर्मा ने बताया कि किसानों एवं दुग्ध उत्पादकों को रिकार्ड दुग्ध उत्पादन हेतु राज्य सरकार द्वारा उन्हें गोकुल पुरस्कार योजना से सम्मानित करने तथा प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादकों को क्रमशः प्रथम विजेता को एक लाख रुपये, द्वितीय को 75 हजार रुपये तथा तृतीय विेजेता को 50 हजार रुपये की नकद धनराशि के चेक प्रत्येक वर्ष दिये जाने की व्यवस्था की गयी है।