नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन. चंद्रबाबू नायडु ने घोषणा करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश को मार्च 2018 तक ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) राज्य घोषित कर दिया जाएगा। “स्वच्छता ही सेवा” के तहत विजयवाड़ा में आयोजित जिलाधीशों के सम्मेलन में यह घोषणा की गई।
इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए 17 सितंबर 2017 तक मध्य प्रदेश में शौचालयों के निर्माण के लिए दो लाख से अधिक गड्ढे खोदे गए। 2 अक्टूबर 2017 तक करीब एक लाख गड्ढों को शौचालय में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है।
महाराष्ट्र में इस सप्ताह दौरान विशेषरूप से श्रमदान पर बल दिया गया। जम्मू-कश्मीर में, प्रशासन और आम जनता अपने क्षेत्र को स्वच्छ बनाने के लिए एकत्रित हुए।
मिज़ोरम में महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित स्थानों पर स्वच्छता अभियान ज़ोरदार तरीके से चलाया गया और ठोस एवं तरल संसाधन प्रबंधन गतिविधियों का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ में भी स्वस्चछता अभियान के दौरान ठोस एवं तरल संसाधन प्रबंधन पर विशेषरूप से ध्यान केन्द्रित किया गया।
स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करने के लिए राजस्थान में स्वच्छता चित्रण का आयोजन किया गया। स्वच्छता चित्रण एक अभियान है, जिसमें ब्लॉक स्तर के अधिकारियों, प्रेरकों, राजमिस्त्रियों ने सार्वजनिक दीवारें, पानी के टैंक और अन्य सार्वजनिक स्थानों को सुंदर, स्वच्छ एवं आकर्षक बनाने के लिए उन पर रंग-रौगन किया।
उत्तराखंड में विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटकों के साथ-साथ स्वच्छता रथ का शुभारंभ किया गया।
पंजाब में स्वच्छता अभियान को गति देने के लिए, नाले, श्मशान, तालाब और सड़कों की सफाई आदि गतिविधियां आयोजित की गईं।
झारखंड में आईएचएचएल गड्ढों की खुदाई, विद्यालय, गांव, गली, सामुदायिक स्थल, धार्मिक स्थल, जेल और आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्वच्छता अभियान और ब्लॉक एवं गांव के स्तर पर स्वच्छता शपथ दिलाने पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया। तेलंगाना में व्यापक स्तर पर शौचालयों के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया।
“स्वच्छता ही सेवा” भारत का एक महत्वपूर्ण अभियान है, जो 15 सितंबर से शुरू होकर दो अक्टूबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत स्वच्छता जैसे नेक कार्य के लिए देश के सभी नागरिकों से इसमें शामिल होने और श्रमदान करने का आह्वान किया गया।
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