नई दिल्ली: केन्द्रीय कपड़ा और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने कहा है कि कपड़ा महज एक उद्योग नहीं है, बल्कि एक परंपरा और एक विरासत है, जिसे हम भारतीय हस्तशिल्प एवं मशीनों के जादू के जरिए दुनिया के समक्ष पेश करते हैं। मेगा टेक्सटाइल आयोजन ‘टेक्सटाइल इंडिया 2017’ की सफलता का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि टेक्सटाइल इंडिया न केवल सरकार, बल्कि समस्त उद्योग जगत का एक ऐसा अभिनव प्रयास है, जो एक स्वर से पूरी दुनिया को यह कहना चाहता है, ‘आओ, भारत में बनाओ’। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में ‘मेक इन इंडिया’ के मामले में कपड़ा क्षेत्र से बेहतर कोई नहीं है। मंत्री महोदया ने आज जयपुर में चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र एवं परिधान मेले ‘वस्त्र 2017’ के छठे संस्करण का उद्घाटन किया।
मंत्री महोदया ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र में यह भरोसा इस क्षेत्र में एफडीआई में हुई हालिया तेज वृद्धि की बदौलत बढ़ा है। श्रीमती इरानी ने एकीकृत कौशल विकास योजना की कामयाबी को स्मरण करते हुए कहा कि कपड़ा क्षेत्र में कुशल कामगारों के प्लेसमेंट की सफलता दर अब 70 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्लेसमेंट के बाद भी प्रशिक्षुओं के साथ अपने संपर्क को बनाए रखती है, ताकि संबंधित कामगार कम से कम छह महीने तक अपनी कार्य श्रृंखला में अपने कामकाज को बनाए रख सकें।
कपड़ा मंत्री ने वस्त्र 2017 में डिजाइन एवं अन्य कार्यशालाओं को शामिल करने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में ऐतिहासिक रूप से डिजाइन का जो सौंदर्य और विविधताएं हैं वह निश्चित तौर पर विशिष्ट हैं और इनका लाभ कपड़ा क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठा सकता है।
श्रीमती इरानी ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र के विकास में भारत का विकास और रोजगार अवसरों की वृद्धि निहित है। उन्होंने कहा कि कपड़ा क्षेत्र 45 मिलियन से भी ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार तथा लगभग 20 मिलियन और परिवारों को अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया कराता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने विशेषकर कपड़ा, परिधान और मेड-अप क्षेत्रों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 6,000 करोड़ रुपये का पैकेज पेश किया है।
हथकरघा बुनकरों के विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्रीमति इरानी ने कहा कि ‘मुद्रा योजना’ से लाभ उठाने वाला प्रत्येक बुनकर प्रथम कुछ महीनों के दौरान ही अपनी आमदनी में 60-70 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने में सक्षम साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग में अनगिनत अवसर उपलब्ध हैं और एक सबसे बड़ी जरूरत सरकार और उद्योग जगत के बीच तालमेल सुनिश्चित करने की है। उन्होंने राजस्थान के उद्योग मंत्री से तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में खरीदारों एवं उद्योगों के साथ और ज्यादा सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील की।
राजस्थान सरकार में उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान में वस्त्रों की एक समृद्ध परम्परा है और कृषि क्षेत्र के बाद कपड़ा उद्योग ने ही सर्वाधिक रोजगारों का सृजन किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कपड़ा क्षेत्र में विकास के लिए केन्द्र द्वारा किये जा रहे प्रयासों में पूरक के तौर पर योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुधारों एवं नवाचार पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है और इस क्षेत्र के अवरोध मुक्त विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
केन्द्रीय कपड़ा मंत्री ने उद्घाटन सत्र के बाद एक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और बुनकरों, शिल्पकारों तथा प्रदर्शकों के साथ बातचीत की।
यह प्रदर्शनी वस्त्र एवं परिधानों पर एक व्यापक व्यापार मेला एवं सम्मेलन है जो बेहतरीन और नवीनतम वस्त्र उत्पादों का मिश्रण पेश करता है। इसका आयोजन राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (रीको) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों के महासंघ (फिक्की) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है तथा इसमें राजस्थान सरकार अपनी ओर से सहयोग कर रही है। 50 से भी अधिक देश और 13 भारतीय राज्य ‘वस्त्र 2017’ में भाग ले रहे हैं।
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