नई दिल्ली: रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र के शिपयार्ड से कहा है कि नौसेना और तट रक्षक के लिए युद्धपोतों और अन्य प्लेटफार्म की समय पर डिलीवरी की जाए। आज यहां नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में श्री पर्रिकर ने कहा कि पिछले एक साल में नौसेना की आधुनिकीकरण योजना ने कई नए प्लेटफार्म के प्रवेश के साथ महत्वपूर्ण तेजी पकड़ी है।
श्री पर्रिकर ने नौसेना की क्षमताओं के स्वदेशी विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों पर संतोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि भारत में प्रत्येक पोत के जलावतरण या पनडुब्बी की शुरूआत किसी के लिए तथा व्यापक रूप से भारत के लिए गौरव का पल होता है। श्री पर्रिकर ने कहा कि इस समय ऑर्डर के तहत सभी 48 पोत और पनडुब्बी फिलहाल भारतीय शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं जो प्रधानमंत्री के मेक इन इंडियन विजन के अनुरूप हैं।
रक्षा मंत्री ने राष्ट्र की सुरक्षा और समुद्री हितों के संरक्षण में अथक एवं निस्वार्थ रूप से अपना कर्तव्य निभाने के लिए नौसेना कर्मियों की सराहना की। उन्होंने युद्धग्रस्त यमन में ऑपरेशन राहत के दौरान बेहद खतरनाक एवं युद्ध जैसे हालात में लगभग 35 देशों के नागरिकों को निकालने में नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि नौसेना के प्रयासों की सराहना भारत के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी ने भी की। श्री पर्रिकर ने ऑपरेशन नीर के दौरान तत्काल कार्रवाई के लिए भी नौसेना की प्रशंसा की जहां भारत के नौसेनिक पोतों ने पिछले साल दिसंबर में मालदीव को पोटेबल पानी उपलब्ध कराया तथा अपने समुद्री पड़ोसियों के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।