नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि नदियों को आपस में जोड़ने और नदियों को संरक्षित रखना देश के प्रत्येक व्यक्ति का पवित्र कर्तव्य है। उपराष्ट्रपति आज आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में राष्ट्रीय राजमार्ग सुधार परियोजना और अंतरदेशीय जल मार्ग परियोजना की आधारशिला रखने के बाद समारोह को संबंधोति कर रहे थे। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री ईएसएल नरसिम्हन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन.चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, शिपिंग तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नीतिन गडकरी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री श्री वाई.एस.चौधरी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश में 4153 करोड़ रुपये की लागत वाली 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं तथा समर्पित 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने आंध्रप्रदेश के अमरावती राजधानी क्षेत्र में मुकत्याला और विजयवाड़ा के बीच कृष्णा नदी में अंतरदेशीय जलमार्ग विकास परियोजना की भी आधारशिला रखी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2014 तक आंध्र प्रदेश में राज्यमार्गों की कुल लम्बाई 4193 किलो मीटर की। 2014 के बाद 3720 किलो मीटर के नये राष्ट्रीय राजमार्गों को घोषित किया गया। अब आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई 7913 किलोमीटर है। आंध्र प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है।
उपरष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 340 के रायाचोटी से अंगल्सु सेक्शन की पेव शोल्डर की दो लेन का निर्माण किया जाएगा। इसकी लम्बाई 57.98 किलो मीटर होगी और इस पर 319.28 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के अंतर्गत एनएच-43 पर विजयानगरम शहर तक 4 लेन बाइपास निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। इसकी लम्बाई 17.2 किलो मीटर होगी और इस पर 429.43 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एनएच 216 के इपूरुपलेम-ओंगोल सेक्शन के 57.87 किलो मीटर लम्बाई वाली पेव शोल्डर की दो लेन की 574.19 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना विचाराधीन है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृष्णा और गोदावरी नदियों को जोड़ने वाली पत्तीसीमा लिफ्ट सिचांई योजना से कृष्णा नदी में पानी कम होने से सुखे जैसी स्थिति से कृष्णा डेल्टा को बचाया जा सका। उन्होंने कहा कि जितनी अधिक नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा उतना ही बड़ा लाभ देश को अन्न देने वाले किसानों को लाभ होगा। प्रत्येक व्यक्ति को इस नेक काम में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने स्कूलों में तेलुगू भाषा को अनिवार्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने आंध्र प्रदेश में नौकरियों में तेलुगू के ज्ञान को अनिवार्य बनाने की सलाह दी और कहा कि राज्य के स्कूलों की भाषाओं पर ध्यान दिए बिना तेलुगू को सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह दूसरी भाषाओं को सीखने के विरोधी नहीं हैं, केवल यह चाहते हैं कि लोग दूसरी भाषाओं को सीखने से पहले अपनी मातृभाषा में दक्ष हो जाएं।