नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह सचिव श्री राजीव गाबा ने आपदा जोखिम कम करने के बारे में प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडा के बारे में सभी साझेदारों को संवेदनशील बनाने के लिए और इसे लागू करने के बारे में चर्चा के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की विशेष बैठक की आज यहां अध्यक्षता की। बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), एनईसी के सदस्य, राहत आयुक्त/सचिव (आपदा प्रबंधन) और राज्य और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हुये। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा जोखिम कम करने के लिए पिछले वर्ष नवम्बर में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान आपदा जोखिम कम करने के बारे में 10 सूत्री एजेंडा की घोषणा की थी।
बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए गृह सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 10 सूत्री एजेंडा एक दूरदर्शी दस्तावेज है, जो आपदा और निरंतर विकास, नामत: निरंतर विकास के लक्ष्य, आपदा जोखिम कम करने के लिए सेंडाई रूपरेखा और जलवायु परिवर्तन के बारे में पेरिस समझौते की तीन महत्वपूर्ण वैश्विक रूपरेखाओं पर आधारित है। उन्होंने केन्द्र सरकार, राज्य/संघ शासित सरकारों और अन्य साझेदारों सहित विभिन्न साझेदारों के बीच आपस में जुड़ाव और सहयोग पर जोर दिया। श्री गाबा ने कहा कि भारत उन देशों में से एक है, जहां सबसे अधिक आपदायें आती है। उन्होंने कहा कि जलवायु संबंधी और स्थलाकृतिक भिन्नता के कारण अलग-अलग आपदाएं देश के अलग-अलग भागों को प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि नियमित निगरानी के लिए एक तंत्र स्थापित करने में एनडीएमए भूमिका निभा सकता है। उन्होंने 10 सूत्री एजेंडे को लागू करने के बारे में आपदा जोखिम कम करने के लिए समयबद्ध और विशिष्ट प्रदेय वस्तुओं पर जोर दिया।
एनडीएमए के सदस्य कमल किशोर ने इस विषय पर प्रस्तुति दी और इस संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा की गई पहलों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का 10 सूत्री एजेंडा सेंडाई रूपरेखा को लागू करने के लिए ठोस विचार प्रदान करता है।
विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों और केन्द्रीय मंत्रालयों ने इस एजेंडा को लागू करने और देश को आपदा लोचदार बनाने के लिए अपने सुझाव दिये। उन्होंने एजेंडा को लागू करने के लिए संबद्ध राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों द्वारा किये गये प्रयासों की भी जानकारी दी। बैठक में राज्यों में आपदा विशेषज्ञों की अनुपलब्धता, आपदा प्रबंधन में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, राज्यों में एसडीआरएफ बटालियन बढ़ाने, राज्यों के बीच क्षेत्रीय सहयोग कायम करने और मौसम के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
विचार-विमर्श के बाद इस बारे में सहमति बनी कि केन्द्रीय मंत्रालय दिसम्बर, 2017 तक 10 सूत्री एजेंडा लागू करने के लिए रोडमैप तैयार करेंगे। इस बारे में भी सहमति बनी कि राज्य अपने-अपने राज्यों की कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडा पर चर्चा करेंगे और एक समयबद्ध योजना तैयार करेंगे।