नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आयुर्वेद जीनोमिक्स के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान को सरकार की ओर से पूरी मदद मुहैया कराई जाएगी, क्योंकि विश्व भर में फैली बीमारियों का किफायती इलाज ढूंढने की अपार संभावनाएं इसमें निहित हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने क्लिनिकल जीनोमिक्स, कॉन-फोकल लैब, जेब्रा फिश, एफएसीएस, बीएसएल-3 और पशु सदन की सुविधाओं का मुआयना करने के बाद ‘सीएसआईआर-आईजीआईबी’ को देश के एक अनोखे संस्थान में तब्दील करने के लिए वर्तमान निदेशक डॉ. राजेश गोखले और पूर्व निदेशक डॉ. समीर ब्रह्मचारी के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने जीनोमिक्स और एकीकृत जीवविज्ञान पर काम करने वाले वैज्ञानिकों एवं तकनीकीविदों से उन आम बीमारियों पर अपना ध्य़ान केंद्रित करने का आग्रह किया, जो भारतीयों पर कहर ढाती रहती है। उन्होंने इन वैज्ञानिकों एवं तकनीकीविदों से अपने अनुसंधान एवं ठोस प्रयासों को बीमारियों के किफायती इलाज में तब्दील करने का भी अनुरोध किया।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक प्रयोगशाला सीएसआईआर- जीनोमिक्स और एकीकृत जीवविज्ञान संस्थान (सीएसआईआर-आईजीआईबी) के स्टाफ को आज यहां संबोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आम आदमी की मुश्किलें दूर करने के लिए आज हमें स्थानीय, किफायती और कारगर इलाज की पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा जरूरत है।