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30 अक्‍टूबर से 04 नवम्‍बर, 2017 तक सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह मनाया जाएगा, जिसका विषय होगा ‘मेरा लक्ष्‍य – भ्रष्‍टाचार मुक्‍त भारत’

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह 30 अक्‍टूबर से 04 नवम्‍बर, 2017 तक मनाया जाएगा। जागरूकता सप्‍ताह का विषय ‘मेरा लक्ष्य-भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ होगा। उपराष्‍ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू 30 अक्‍टूबर, 2017 को आयोजित किये जाने वाले उदघाटन समारोह में मुख्‍य अतिथि होंगे।

सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह मनाने की शुरूआत 30 अक्‍टूबर, 2017 को सुबह 11 बजे मंत्रालयों/विभागों/केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई)/सरकारी बैंक और अन्‍य संगठनों द्वारा सत्‍यनिष्‍ठा की शपथ लेने से होगी।

आज यहां संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए केन्‍द्रीय सतर्कता आयुक्‍त श्री के.वी. चौधरी ने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह मनाने का उद्देश्‍य लोगों को भ्रष्‍टाचार से जुड़े तरीकों और इनकी शिकायत करने के बारे में जागरूक करना है। उन्‍होंने कहा कि यह अभियान भ्रष्‍टाचार रोकने में लोगों को शामिल करने का जनांदोलन है। श्री चौधरी ने कहा कि दंडात्‍मक, निवारक और सहभागी सतर्कता के क्षेत्र में संगठनों द्वारा किये गये सुधारों और अच्‍छे कार्यों को सम्‍मानित करने के लिए इस वर्ष से दो श्रेणियों में उत्‍कृष्‍ट सतर्कता पुरस्‍कार शुरू किये गये है। उन्‍होंने कहा कि आयोग संगठन में आंतरिक प्रक्रियाओं की विशिष्‍टताओं और नियंत्रण के आधार पर सत्‍यनिष्‍ठा सूचकांक तैयार कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि शुरूआत में सत्‍यनिष्‍ठा सूचकांक 25 संगठनों के लिए विकसित किया जाएगा, जिसमें सरकारी संगठन और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि यह सूचकांक आईआईएम, अहमदाबाद के तकनीकी सहयोग से विकसित किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि सीवीसी सतर्कता अधिकारियों के लिए ई-लर्निंग मॉड्यूल भी विकसित कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि सीवीसी साल भर विभिन्‍न विषयों पर प्रसिद्ध वक्‍ताओं के व्‍याख्‍यान जैसे अन्‍य कार्यक्रम भी आयोजित करता है। उन्‍होंने कहा कि सीवीसी छात्रों को उनकी गर्मी की छुट्टियों में आयोग में इंटर्नशिप प्रशिक्षण भी प्रदान करता है, जिससे उन्‍हें आयोग की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी मिलती है।

इस अवसर पर सतर्कता आयुक्‍त डॉ. टी.एम. भसीन और श्री राजीव, सीवीसी सचिव श्रीमती नीलम साहनी तथा वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

प्रति वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह मनाना आयोग के बहुपक्षीय दृष्टिकोण का हिस्‍सा है, जिसमें भ्रष्‍टाचार का मुकाबला करने और उसे रोकने में सभी हितधारकों को बढ़ावा देने की रणनीति के अलावा भ्रष्‍टाचार के खतरों के बारे में जन जागरूकता फैलाना शामिल है। आयोग भ्रष्‍टाचार से निपटने में बहुपक्षीय रणनीति के तौर पर दंडात्‍मक, निवारक और सहभागी सतर्कता के उपायों पर बल देता है। संगठनों को विषय से संबंधित निम्‍नलिखित गतिविधियां करने की सलाह दी गई है :-

संगठन में की जाने वाली गतिविधियों में सभी कर्मचारियों द्वारा सत्‍यनिष्‍ठा की शपथ लेना, रोकथाम सतर्कता गतिविधियों पर पैम्‍पलेट/हैंडआउट वितरित करना, वीसल ब्‍लोअर व्‍यवस्‍था और भ्रष्‍टाचार रोकने के अन्‍य उपाय, कर्मचारियों तथा अन्‍य हितधारकों के लिए संगठन की नीतियों/व्‍यवस्‍थाओं पर कार्यशालाएं तथा जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन तथा निवारक सतर्कता उपाय करना शामिल है। अन्‍य गति‍विधियों में सतर्कता के मुद्दे पर पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन, व्‍यापक सूचना और जागरूकता के लिए व्‍यवस्थित सुधार तथा अच्‍छे उपाय, कर्मचारियों और उनके परिजनों के लिए भ्रष्‍टाचार रोकने से संबंधित विषय पर डिबेट और क्‍वीज जैसी विभिन्‍न प्रतिस्‍पर्धाएं आयोजित करना एवं कर्मचारियों/उपभोक्‍ता उन्‍मुखी सूचना की जानकारी के लिए संगठन की वेबसाइट का उपयोग करना शामिल है।

नागरिकों को भ्रष्‍टाचार के दुष्‍प्रभाव के बारे में जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायतों (ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों) में ‘ग्राम सभा जागरूकता’ कार्यक्रम आयोजित करना। पिछले वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्‍ताह के दौरान ऐसी 70,000 ग्राम सभाएं आयोजित की गई थी।

एक नया उपाय स्‍कूलों और कॉलेजों में ‘सत्‍यनिष्‍ठा क्‍लबों’ का गठन करना है, क्‍योंकि बच्‍चे देश का भविष्‍य होते है इसलिए उनमें नैतिक मूल्‍य विकसित करना महत्‍वपूर्ण है।

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