देहरादून: बुद्धवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजापुर अतिथि गृह में समाज कल्याण विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि छात्रवृत्ति सहित अन्य सामाजिक कल्याण संबंधी योजनाओं में केन्द्र से मिलेनी वाली सहायता राशि के संबंध में तत्काल सामाजिक अधिकारिक व वित्त मंत्री के साथ ही प्रधानमंत्री को पत्र भेजा जाय।
जिन योजनाओं में केन्द्र सरकार से सहायता राशि मिलनी बंद हो गयी है, उनके संबंध में भी सभी तथ्यों को इंगित करते हुए प्रस्ताव बनाया जाय। अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए केन्द्र स्तर पर लंबित 44 करोड़ रुपये की धनराशि को अवमुक्त करने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र भेजा जाय। छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत दी जाने वाली धनराशि सीधे छात्रों के खाते में आॅन लाइन से जाय। उन्होने कहा गौरादेवी कन्याधन योजना के अन्तर्गत आय सीमा को शहरी क्षेत्र में 22 हजार तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 20 हजार निर्धारित की जाय, बारात घरों व मिलन केन्द्रों के निर्माण में तेजी लाने के भी उन्होने निर्देश दिया। इसके लिये वित्तीय सीमा 30 लाख रखी जाय, इनमें मनरेगा से भी कार्य किये जाने तथा, कार्यदायी संस्था भी सम्बंधित पंचायतो को बनाये जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने विकलांग बच्चे के पैदा होने पर 500 प्रतिमाह भरण पोषण के लिये देने के निर्देश दिए। विधवा, परिव्यक्ता पेंशन के प्रकरणों पर स्वंय की घोषणा को मान्य माना जाय।
बैठक में मुख्य सचिव एन. रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस.राजू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।