देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिये गेस्ट टीचरों की तैनाती के निर्देश दिये है। उन्होने विद्यालयों में छात्र संख्या के आधार पर अध्यापकों की तैनाती करने के भी निर्देश दिये है। मेरा गांव मेरा धन योजना के अन्तर्गत विद्यालयी भवनों के निर्माण में जन सहभागिता के लिये प्रधानाचार्यों का भी सहयोग लेने के निर्देश उन्होंने दिए।
बुधवार को बीजापुर अतिथि गृह में शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय सुदुर क्षेत्रों में अध्यापकों की कमी को गेस्ट टीचरो की तैनाती से दूर किया जा सकता है। इस सम्बंध में शीघ्रता से कार्यवाही अमल मे लायी जाय। विभिन्न विद्यालयों में नये विषय खोलने की घोषणाओं पर भी शीघ्र कार्यवाही के निर्देश उन्होंने दिए। जिन विद्यालयों के भवन बने है, उनमें आई टी आई के संचालन की योजना पर भी ध्यान दिया जाय। इससे एक ही परिसर मे एक से अधिक शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकेगा। रमसा के तहत निर्मित होने वाले स्कूल भवनों को आर ई एम के माध्यम बनाये जाने तथा अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने के निर्देश उन्होंने दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अध्यापकों की समस्याओं के समाधान के भी निर्देश दिए। प्रधानाचार्य के पदों पर शीघ्र पदोन्नति करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि स्थायी प्रशासनिक व्यवस्था होने से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। उन्होंने 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की माताओं को सम्मान स्वरूप 1000 रूपये की धनराशी प्रदान करने के भी निर्देश दिये। विद्यालयों के उच्चीकरण व अनुदान सूची में सम्मिलित विद्यालयों की स्थिति की भी उन्होंने समीक्षा की तथा इसका विवरण भी उपलब्ध कराने को कहा।
बैठक मे विद्यालयी शिक्षा मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी, मुख्य सचिव एन रवि शंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस राजू, सचिव एम सी जोशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।