नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने भारत की यात्रा पर आए जर्मनी के राज्य मंत्री, श्री पीटर ब्लेसर का स्वागत करते हुए कहा कि जर्मनी के साथ भारत के संबंध हमेशा से ही निकट और मैत्रीपूर्ण रहे हैं । ये संबंध सामान्य प्रजातांत्रिक मूल्यों, मूलभूत अधिकारों और परस्पर विश्वा्स पर आधारित हैं । श्री सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात पर विशेष रूप से खुशी है कि दोनों देशों के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग तेजी से आगे बढ़ रहा है ।
श्री सिंह ने कहा कि वर्ष 2008 से लेकर अब तक संयुक्त कार्य समूह की 6 बैठकें हो चुकी हैं ; भारतीय कृषि कौशल परिषद(एएससीआई) और जर्मन कृषि व्यापार गठबंधन (जीएए) कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित करने के लिए परस्पर रूप से सहमत हो गए हैं । श्री सिंह ने कहा कि बीज क्षेत्र में किया जा रहा सहयोग विशेष उल्ले्खनीय है । चूंकि अगले चरण (जनवरी 2017 से दिसंबर 2018) के लिए परियोजना कार्यान्व्यन करार पर मई 2017 में हस्ताक्षर किए गए थे ।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे मे भी संक्षिप्त रूप से जानकारी देकर अपने विचार व्याक्त करते हए कहा कि कृषिगत उत्पादों में द्विपक्षीय व्यापार के मौजूदा स्तर को और आगे बढ़ाया जा सकता है । श्री सिंह ने जर्मनी के मंत्री महोदय से अनुरोध करते हुए कहा कि वे जर्मनी तथा यूरोपीय संघ के अन्य देशों को निर्यात किए जाने वाले भारतीय चावल से जुड़े ट्रिसाईक्लेोजोल(टीसीए) मुद्दे का शीघ्र समाधान करने के लिए अपने पद का उपयोग करें ।
इसके बाद श्री राधा मोहन सिंह ने डेनमार्क के पर्यावरण और खादयान्न मंत्री श्री इस्बेरन लुंडे लारसन से मुलाकात की। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने भारत की यात्रा पर आए डेनमार्क के मंत्री का स्वागत करते हुए दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मैत्रीपूर्ण संबंधों का स्मरण किया । श्री सिंह ने व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पर्याप्त रूप से विस्तातरित सहयोग की बाबत संतोष व्यक्त करते हुए आशा जताई कि संबंधों के सामान्य हो जाने पर सभी क्षेत्रों में दोनों देशों की पूर्ण क्षमताओं का सही इस्तेमाल होगा ।
श्री सिंह ने भागीदार देश के रुप में डेनमार्क के मंत्री की “विश्व खाद्य भारत 2017” में प्रतिभागिता की सराहना करते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में ऐसे कई अवसर मौजूद हें जिनका लाभ डेनमार्क की कंपनियां सफलता के साथ उठा सकती है।
इसके बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री की सर्बिया के कृषि, वानिकी और जल प्रबंधन मंत्री, श्री ब्रेनीस्लावा नेदीमोविक के साथ बातचीत हुई। इस अवसर पर श्री सिंह ने सर्बिया के कृषि, वानिकी एवं जल प्रबंधन मंत्री का हार्दिक अभिनंदन किया तथा भारतीयों के लिए वीजा प्रणाली को समाप्त करने संबंधी सर्बियाई सरकार के निर्णय का उल्लेख करते हुए उन्होंने सर्बिया के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों पर संतोष जाहिर किया। श्री सिंह ने कृषि क्षेत्र में सन 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद विश्व का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बनने तथा फलों, सब्जियों एव मछलियों का अग्रणी उत्पादक देश बनने तक की भारत की उल्लेखनीय विकास यात्रा का संक्षिप्त उल्लेख किया।
श्री राधा मोहन सिंह ने उल्लेख किया कि भारत एवं सर्बिया के व्यापार संबंधों में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा कृषि मशीनरी एक महत्व्पूर्ण औद्योगिक घटक है। कृषि उत्पादों में व्यापार के वर्तमान स्तर का उल्लेख करते हुए श्री सिंह ने कहा कि इस स्तर को बढाने की काफी गुंजाईश है। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने सुझाव दिया कि साइबेरिया आम, अनानास, केला, पपीता आदि जैसे उष्ण कटीबंधीय फलों को भारत से आयात करने का विचार कर सकता है।