नई दिल्ली: देश में आज कालाधन रोधी दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने मीडिया को पारदर्शिता बढ़ाने, ई-शासन, व्यवस्था में खामियों को दूर करने के साथ ही भ्रष्टाचार के क्षेत्रों को समाप्त करने में मंत्रालय द्वारा की गई पहलों के बारे में जानकारी दी। मीडिया को संबोधित करते हुए श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि सरकार व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, क्योंकि भ्रष्टाचार और कालेधन पर नियंत्रण के लिए पारदर्शिता महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इसी के अनुरूप महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं।
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने बताया कि जीईएम पोर्टल के जरिए खरीदी शुरू करने वाला महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पहला था और आज पेंसिल से लेकर कम्प्यूटर तक पूरी खरीदी इस पोर्टल के जरिए होती है। यहां तक कि कुछ सेवाओं के लिए भर्ती भी इस पोर्टल से की जा रही है। मंत्री महोदया ने बताया कि भ्रष्टाचार के तत्व नहीं होने के कारण इस मंत्रालय को सर्वश्रेष्ठ दर्जा मिला है।
विस्तार से बताते हुए श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय कई योजनाओं के तहत विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ कार्य करता है। मंत्रालय ने प्रस्ताव प्राप्त करने की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के साथ ही निधि वितरित करने के लिए एनजीओ पोर्टल तैयार किया है और प्रत्येक एनजीओ को केवल इस पोर्टल के माध्यम से ही आवेदन करना होता है। यह पोर्टल नीति आयोग के दर्पण पोर्टल से भी जुड़ा हुआ है।
मंत्री महोदया ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना के अंतर्गत उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया। वर्तमान में मंत्रालय 14 योजनाएं चला रहा है, जिनके तहत व्यक्तियों तथा संस्थागत लाभार्थियों को कोष/सेवाएं दी गई हैं। सभी योजनाओं को आधार पर आधारित डीबीटी प्रणाली के अंतर्गत रखा गया है। श्रीमती मेनका संजय गांधी ने बताया है कि यह भारत सरकार की आज की सबसे बड़ी डीबीटी प्रणालियों में से एक है।
सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली को पूरी तरह से बोर्ड पर लाने वाला भी यह पहला मंत्रालय है। इससे सभी कोष न केवल लक्षित बैंक खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं, बल्कि केंद्रीय स्तर पर इन निधियों के उपयोग की निगरानी भी की जाती है।
सीएआरए के अंतर्गत कैरिंग्स वेबसाइट के शुभारंभ से गोद देने की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित हो गई है। अब कानूनी तौर पर गोद देने के लिए उपलब्ध बच्चों तथा गोद लेना चाहने वाले पालकों का ब्यौरा एक डाटाबेस में है और इनका मिलान प्रणाली में ही किया जाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि इस अग्रणी उपाय से इस प्रक्रिया में से सभी गलत तरीकें तथा बिचौलिए समाप्त हो गए हैं।
आंगनवाड़ी प्रणाली के अंतर्गत बच्चों को भोजन खिलाने की व्यवस्था में काफी खामियां और बेईमानी थी। मंत्रालय ने निगरानी के लिए भारी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया ताकि इन खामियों को दूर किया जा सके। सबसे पहले 50,000 आंगनवाड़ियों को आधार पर आधारित पंजीकरण, दैनिक उपस्थिति, भोजन का रिकॉर्ड, स्वास्थ्य का रिकॉर्ड आदि के लिए स्मार्ट फोन का उपयोग करने हेतु सक्षम बनाया गया। इस प्रणाली में अनुपस्थिति और कुपोषण के लिए चेतावनी दी गई है। इससे न केवल फर्जी लाभार्थी समाप्त हुए बल्कि भ्रष्ट तरीके भी खत्म हो गए। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि यह एक क्रांतिकारी कदम है।
श्रीमती मेनका गांधी ने पारदर्शिता बढ़ाने और मंत्रालय में ई-कार्यालय के कार्यान्वयन जैसे वित्त प्रबंधन में सुधार के लिए किए गए अन्य महत्वपूर्ण उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया।
बाद में श्रीमती मेनका संजय गांधी ने चुनिंदा पत्रकारों को अपने संसदीय क्षेत्र- पीलीभीत में विमुद्रीकरण से हुए कम अवधि और लंबी अवधि के लाभों के बारे में भी जानकारी दी।