देहरादून: प्रदेश के राजस्व, सिंचाई, सहकारिता, तकनीकी शिक्षा, ग्रामीण निर्माण विभाग, ग्रामीण सड़कें एवं ड्रेनेज, भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाएॅं मंत्री उत्तराखण्ड सरकार यशपाल आर्य ने आज विधान सभा स्थित अपने कक्ष में सहकारिता विभाग एवं सहकारी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
बैठक में सहकारिता मंत्री द्वारा सहकारिता विभाग एवं सहकारी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गयी। सहकारिता विभाग एवं सहकारी संस्थाओं द्वारा किये गये कार्याें तथा भावी कार्य योजना के सम्बन्ध में श्री आर्य द्वारा निर्देश दिये गये कि सहकारिता के व्यापक परिप्रेक्ष्य में सहकारी संस्थााओं को आर्थिक उदारीकरण एवं बाजारोन्मुखि अर्थव्यवस्था एवं बाजार से प्रतियोगिता को दृष्टिगत रखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से व्यवसायिक कार्ययोजना बनायी जाने चाहिए। उन्होंने सहकारिताओं को खाद्य प्रसंस्करण, कोल्ड चेन डेवलपमेन्ट, समुदाय आधारित पर्यटन के क्षेत्र में कार्य किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला सहकारी बैंक 15 महिला समूहों को उनके व्यवायसायिक प्रस्ताव के आधार पर तत्काल सुगमतापूर्वक ऋण उपलब्ध करायेगा तथा जिन बैंकों में महिला समूहों की भागीदारी नहीं है, वहां महिला समूहों का गठन कर उनका क्षमता विकास किया जाये तथा उनको आवश्यकता के अनुरूप व्यावसायिक कार्ययोजना बनाने में सहकारी बैंक सहायता करें तथा उन्हें सुगमतापूर्वक उद्यम स्थापना हेतु ऋण उपलब्ध करायेंगे।
श्री आर्य ने कहा कि सहकारितायें ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में कार्य करें तथा उन्होंने सचिव, सहकारिता को निर्देश दिये कि वे सोलर इनर्जी जैसे गैर परम्परागत उर्जा स्रोतों के माध्यम से ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य प्रारम्भ करें, इस हेतु वे सौर उर्जा विद्युतीकरण के क्षेत्र में कार्य कर रही ’’मेरा गांव पावर’’ जैसी संस्थाओं के सफल माॅडल का प्रयोग कर सकते हैं। श्री आर्य ने बैठक मंे निर्देश दिये कि जिला सहकारी बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों तथा कृषकों को जो सुविधायें प्रदान की गयी हैं, उनका इलेक्टोनिक तथा प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार किया जाये एवं सहकारिता विभाग अपने कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार हेतु सरल भाषा में जन उपयोगी योजनाओं की एक पुस्तिका प्रकाशित करेगा, जिससे कि आम आदमी सहकारी बैंकों के उत्पादों से लाभान्वित हो सकेगा। सहकारिता मंत्री द्वारा सहकारिताओं में प्रतियोगी भावना बढ़ाने हेतु घोषणा की गयी कि ऐसी सहकारितायें, जो पर्वतीय क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुरूप बेहतर व्यावसायिक प्रदर्शन कर रहीं हैं, उन्हें उनके प्रदर्शन के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक प्रबन्धन के पुरस्कार द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा।
सचिव, सहकारिता श्री विजय कुमार ढौंडियाल ने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड में राज्य के सभी सहकारी बैंकों को सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा रहा है। सी.बी.एस. सिस्टम लागू होने के उपरान्त बैंकों में डेटा सिक्योरिटी, फायर सिक्योरिटी एवं साइबर सिक्योरिटी की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए कार्ययोजना तैयार की गयी है। सचिव, सहकारिता ने सहकारिताओं को विविध क्षेत्रों में कार्य किए जाने के परिप्रेक्ष्य में कार्ययोजना प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि निकट भविष्य में देहरादून में हर्रावाला सहकारी समिति के भवन में सहकारी विमेन को-आॅपरेटिव होस्टल प्रारम्भ किया जा रहा है, जो कि कामकाजी महिलाओं को आवास की सुविधा उपलब्ध करायेगा। श्री ढौंडियाल ने एन.सी.डी.सी. के सहयोग से टेक्नीकल एवं प्रमोशलन सैल के गठन किए जाने के प्रस्ताव के सम्बन्ध में अवगत कराया कि टेक्नीकल सैल विषय विशेषज्ञों की सेवायें लेगी, जिससे सहकारिताओं को व्यावसायिक विकास सेवायें प्रदान की जा सके।
बैठक में उपस्थिति उप सचिव श्री सुनील सिंह ने सहकारिताओं के आधुनिकीकरण किये जाने पर बल देते हुए कहा कि सहकारिताओं में कार्य कर रहे कार्मिकों के क्षमता विकास की आवश्यकता है, जिससे कि सहकारितायें नये परिवेश में आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर कार्य कर सके। विभागी कार्ययोजनाओं का प्रस्तुतीकरण डाॅ0 अरविन्द जोशी, अपर जिला सहकारी अधिकारी ने किया। बैठक में जिला सहकारी बैंकों के सचिव/महाप्रबन्धक, समस्त जिला सहायक निबन्धक, उप निबन्धक श्रीमती ईरा उप्रेती एवं राज्य सहकारी बैंक के उपमहाप्रन्धक तथा राष्टीय सहकारी विकास निगम के क्षेत्रीय निदेशक श्री राकेश दुआ उपस्थित रहे।