लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अक्टूबर, 2016 तक शहरी क्षेत्रों में 22 से 24 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घण्टे विद्युत आपूर्ति की दिशा में दृढ़ संकल्प होकर कार्य कर रही है। इस बात का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश के ऊर्जा विभाग का बजट तीन गुना बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज अपने सरकारी आवास पर केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल के साथ आयोजित एक बैठक के उपरान्त मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। राज्य सरकार प्रदेश में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार की कोशिश होगी कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था बेहतर हो, ताकि निर्धारित लक्ष्य को हासिल किया जा सके। विद्युत आपूर्ति को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में फीडर सेपरेशन करके लाइन लाॅसेज़ को कम किया जाएगा, ताकि इन क्षेत्रों में अधिक से अधिक विद्युत उपलब्ध हो सके।
श्री यादव ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से ही राज्य सरकार लगातार इस बात की कोशिश कर रही है कि शहरों को 22 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए तथा गांवों में भी अलग फीडर के माध्यम से 14 से 16 घण्टे की विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ट्रांसमिशन लाइनों तथा डिस्ट्रिब्यूशन व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि लाइन लाॅसेज़ में कमी हो। राज्य सरकार विद्युत व्यवस्था की बेहतरी के विभिन्न बिन्दुओं पर भी काम कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था की बेहतरी के लिए केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा और उत्तर प्रदेश के लोगों को प्रचुर मात्रा में बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री को सूचित किया गया कि विद्युत की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्य सेक्टर में अनपरा-डी (1000 मेगावाट) के साथ निजी क्षेत्र में ललितपुर (1320 मेगावाट) एवं बारा (1320 मेगावाट) एवं संयुक्त क्षेत्र में मेजा (916 मेगावाट) के तापीय विद्युत उत्पादन गृह में तेजी से कार्य चल रहा है। लाॅन्ग टर्म पावर परचेज के माध्यम से शेष विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था भी की जा रही है। विद्युत आपूर्ति के साथ ही ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व तेजी से काम किया जा रहा है और बड़ी संख्या में नये सबस्टेशन और लाइन बिछायी जा रही है। लाइन लाॅस को कम करने के लिए नये कनेक्शन, लोड बढ़ाने, फीडर वाइज काॅम्बिंग, मीटर रिप्लेसमेंट इत्यादि के कार्य कराए जा रहे हैं। जनता को बेहतर सुविधा देने के लिए आॅनलाइन बिलिंग योजना शहरों में लागू की गई है। विद्युत उपलब्धता को बढ़ाने के साथ ही विद्युत बचत की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं और तीन कम्पनियों द्वारा ई0ई0एस0एल0 और दो नगर निगमों के साथ एल0ई0डी0 बल्ब वितरण का समझौता किया गया है, जबकि आगरा डिस्काम स्वयं एल0ई0डी0 बल्ब को खरीदने की कार्यवाही कर रहा है।
बैठक में श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विद्युत समस्या को सुलझाने के लिए उन्होंने केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री को पत्रों के माध्यम से एवं स्वयं मिलकर पूर्व में कई बार अनुरोध किया था। जिसके कुछ सकारात्मक परिणाम भी आये हैं और इस वर्ष राज्य सेक्टर के तापीय गृहों में कोयले की उपलब्धता पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर रही है और अभी हाल ही में भारत सरकार से पी0एस0डी0एफ0 योजना के अंतर्गत स्वीकृति भी मिली है।
श्री यादव ने कहा कि इसके साथ ही निजी क्षेत्र के आई0पी0पी0 के लिए कोयले की सप्लाई बेहतर होना आवश्यक है। मानसून से पहले पर्याप्त मात्रा में कोयला तापीय गृहों में उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है ताकि पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन हो सके। उन्होंने केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री से अनुरोध किया कि उत्तर प्रदेश जैसे लैण्ड लाॅक्ड राज्य के लिए कोयले के आवंटन की एक अलग व्यवस्था विकसित की जाए, क्योंकि ऐसे राज्यों में आयातित कोयले का मूल्य बहुत अधिक होता है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में राज्य सरकार को अधिक से अधिक केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराई जाए ताकि वर्षों से वंचित ग्रामीण परिवारों को विद्युत का लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने श्री गोयल से अनुरोध किया कि सरप्लस राज्यों से विद्युत आपूर्ति करने की व्यवस्था केन्द्र सरकार उपलब्ध कराए। साथ ही, उत्तर प्रदेश में एक और अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट (यू0एम0पी0पी0) का अनुमोदन प्रदान किया जाए। उन्होंने ललितपुर पावर प्लाण्ट के लिए कोयला प्रीमियम कीमत पर न उपलब्ध कराने का भी केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया ताकि जनता पर इसकी ज्यादा कीमत का भार न पड़े।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के सभी उपक्रमों पी0जी0सी0आई0एल0, एन0टी0पी0सी0 इत्यादि के साथ पूरा सहयोग किया जाएगा और राज्य के हित में ट्रांसमिशन लाइन और विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने के सभी प्रयासों का पूरा समर्थन किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश और केन्द्र की सरकारें मिलकर प्रदेश की जनता को बेहतर विद्युत आपूर्ति की दिशा में सकारात्मक कार्य करेंगी।
मुख्यमंत्री द्वारा किए गए अनुरोधों पर केन्द्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि दीन दयान उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक गांवों को लाभ दिया जाएगा। उन्होंने करछना में एक अतिरिक्त अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट, सरप्लस राज्यों से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था, मेजा एन0टी0पी0सी0 प्लाण्ट के विस्तारीकरण की व्यवस्था और पर्यावरण मंत्रालय से विद्युत परियोजनाओं को पूरा कराए जाने में आ रही समस्याओं को दूर कराने का भी आश्वासन दिया।
मीडिया प्रतिनिधियों को केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार तथा उसकी टीम के साथ प्रदेश के विद्युत परिदृश्य पर विस्तार से चर्चा हुई और इस बात पर भी गम्भीर मनन किया गया कि उत्तर प्रदेश में भविष्य में किस प्रकार की विद्युत योजनाएं लाई जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा पूरे देश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में भी निर्बाध विद्युत आपूर्ति के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगी।
केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इन्ट्रा स्टेट ट्रान्समिशन तथा इण्टर स्टेट ट्रान्समिशन में भी वृद्धि की जाएगी। प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। बैठक के दौरान राज्य सरकार द्वारा रखी गयी मांगों को तुरन्त मंजूरी दे दी गयी। विद्युत संयंत्रों हेतु पर्यावरण मंजूरी को तेजी से सुनिश्चित करने के लिए भी कार्य किया जा रहा है।
श्री गोयल ने आज की बैठक को सफल बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश की बिजली की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार के साथ पूर्ण सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में एल0ई0डी0 लाइट्स तथा स्ट्रीट लाइट का कार्यक्रम वाराणसी से प्रारम्भ किया जाएगा। इस पर काम शुरु किया जा चुका है।