नई दिल्ली: बिहार के सीएम नीतीश कुमार से झटका खाने के बाद भी राज्यसभा सांसद शरद यादव ने हार नहीं मानी है। शरद यादव ने चुनाव आयोग से जेडीयू पर उनका दावा खारिज किए जाने के बाद गुजरात विधानसभा चुनाव में ऑटो रिक्शा चुनाव चिन्ह पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। शरद यादव ने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा जेडीयू पर उनके दावे को खारिज करने का उन्हें पहले ही अंदेशा था इसलिए उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी पार्टी बनाने की तैयारी कर ली थी।
ऑटो रिक्शा चुनाव चिन्ह पर गुजरात में चुनाव लड़ेंगे
शरद यादव ने पार्टी का नाम बताने से इंकार करते हुए सिर्फ इतना ही कहा कि उनके उम्मीदवार ऑटो रिक्शा चुनाव चिन्ह पर गुजरात में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची के साथ ही उनके उम्मीदवार भी घोषित किए जाएंगे। शरद गुट के उम्मीदवार गुजरात विधानसभा चुनाव जेडीयू विधायक छोटूभाई बसावा के नेतृत्व में लड़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक दक्षिणी गुजरात की आदिवासी बहुल लगभग दर्जन सीटों पर बसावा के प्रभाव को देखते हुए शरद गुट ने ‘भारतीय ट्राइबल पार्टी’ बनाई है।
फैसले से संघर्ष के रास्ते का अंत नहीं हुआ है
चुनाव आयोग में जेडीयू पर अपने गुट के दावे की लड़ाई हारने के बारे में यादव ने कहा कि आयोग के फैसले से संघर्ष के रास्ते का अंत नहीं हुआ है, लड़ाई जारी रहेगी।उन्होंने आयोग द्वारा कल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले गुट को ही असली जेडीयू बताये जाने के आदेश पर कहा कि देश की जनता हकीकत से वाकिफ है और कौन सही है, कौन गलत, इसका भी फैसला जनता करेगी। आयोग के फैसले को चुनौती देने के सवाल पर यादव के सहयोगी जावेद रजा ने बताया कि इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाने सहित अन्य विकल्पों के कानूनी पहलुओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है।
‘तीर’ पर नीतीश का कब्जा
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने जेडीयू के चुनाव चिन्ह पर नीतीश और शरद गुट के दावे को लेकर पिछले तीन महीनों से चल रही सुनवाई के बाद कल पारित आदेश में नीतीश गुट को ही असली जेडीयू बताया था। इस साल जुलाई में नीतीश की अगुवाई वाली सरकार द्वारा बिहार में चुनाव पूर्व हुए महागठबंधन को छोड़कर केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में शामिल होने के विरोध में शरद गुट ने बागी रुख अख्तियार कर चुनाव आयोग में पार्टी पर अपने दावे की अर्जी पेश की थी।
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