नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ”सभी के लिए आवास” के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आज एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अभी तक इस दिशा में हुए कार्यों का आकलन करने के लिए बुलाई गई एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी सम्बद्ध एजेंसियों से एक उदारवादी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया जिसमें इमारती सामग्री, स्थानीय लोगों की आदतों और जीवन शैली तथा स्थानीय स्थितियों पर ध्यान देना शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा ”एक आदिवासी ईंटों एवं सीमेंट के मिश्रण से बने मकान की बजाय पारम्परिक स्थानीय सामग्री से बने घर को पसंद कर सकता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस लक्ष्य को एक-एक गांव के आधार पर हासिल किया जाना चाहिए ताकि इस प्रगति को साकार किया जा सके और ऐसा करके प्रभावी रूप से निगरानी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आवास के साथ-साथ सभी आम सुविधाओं और जरूरी सम्पर्कों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि हम एक समस्या मुक्त ग्राम की अवधारणा की ओर बढ़ सकें।
श्री मोदी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में शहरी ठोस कचरे का इस्तेमाल ईंटे बनाने में किया जा सकता है जो इमारती सामग्री के रूप में लाभदायक होगा । उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बनाए गए और बनाए जाने वाले घरों में सभी जरूरी मानकों का ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है।
इस बैठक में शहरी विकास मंत्री श्री वैंकेया नायडू, ग्रामीण विकास मंत्री श्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह और आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
5 comments