नई दिल्ली: केन्द्रीय संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन (स्वतंत्र प्रभार), और नागर विमानन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने विश्वास दिलाया है कि असम की ब्रहमपुत्र नदी में स्थित मंजुली द्वीप को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिलाने के प्रस्ताव को शीघ्रता से आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र हर संभव कदम उठाएगा।
डॉ. महेश शर्मा ने इस संबंध में आज नई दिल्ली में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरोद्धार मंत्री सुश्री उमा भारती और केन्द्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सर्बानंद सोनवाल के साथ बैठक की। डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में सहायता के लिए असम सरकार के साथ पहले से ही मिलकर कार्य कर रहा है।
सुश्री उमा भारती ने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध इस द्वीप को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि यह कटाव के कारण आकार में कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर के प्रस्ताव को सुगम बनाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को द्वीप पर स्थित प्राचीन शिल्प कृतियों का सर्वेक्षण कार्य करना चाहिए।
इस क्षेत्र से ही सांसद श्री सोनवाल ने कहा कि मंजुली द्वीप दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है, और जनजातीय एवं गैर-जनजातीय लोगों के साथ यहां की कुल जनसंख्या लगभग दो लाख है। उन्होंने डॉ. महेश शर्मा से मंजुली द्वीप पर एक अतिथि गृह, एक प्रेक्षागृह और एक संग्राहलय जैसे पर्यटन बुनियादी ढांचे बनाने में सहायता देने की अपील की।
डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय, विशेष तौर पर पोत विहार पर्यटन की सहायता से मंजुली द्वीप को एक पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करने के प्रति वचनबद्ध है और संस्कृति मंत्रालय इसे विश्व धरोहर स्थल बनाने के प्रस्ताव पर हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
बैठक के दौरान, संस्कृति मंत्रालय के सचिव डॉ. ललित पवार और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।