सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की देश की दूसरी बड़ी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड ने शनिवार को सलिल.एस.पारेख को अपना प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त करने की घोषणा की है।वह कंपनी के दूसरे गैर-संस्थापक सीईओ होंगे। इसके पहले कंपनी के पहले गैर-संस्थापक सीईओ विशाल सिक्का ने अगस्त में इस्तीफा दे दिया था। पारेख फिलहाल कैपजेमिनी के ग्रुप कार्यकारी बोर्ड में सदस्य हैं।
अधिग्रहण के महारथी हैं पारेख
पारेख का दुनिया भर में आईटी क्षेत्र में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है। वह कई अधिग्रहण सौदों को भी अंजाम दे चुके हैं। साथ ही कारोबार में भारी बदलाव लाने का बेहतर अनुभव है। उनके अनुभव को देखते हुए निदेशक मंडल ने पारेख का इस पद के लिए चयन किया है।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में भी डिग्री
पारेख ने आईआईटी बॉम्बे से एयरोनॉटिकल इंजनीयरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
पांच साल होगा कार्यकाल
कंपनी के निदेशक मंडल की शनिवार को यहां हुई बैठक के जारी बयान में कहा गया है कि पारेख की नियुक्त 2 जनवरी 2018 से प्रभावी होगी। उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए की गई है। हालांकि, नियुक्ति शेयरधारकों के अनुमान और नियामकों की मंजूरी पर निर्भर करती है। इसके साथ ही अंतरिम प्रबंध निदेशक एवं सीईओ यू बी प्रवीण राव को मुख्य परिचालन अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक बनाने की घोषणा की गई है।
निलेकणी और किरण मजूमदार उत्साहित
इंफोसिस निदेशक मंडल के अध्यक्ष नंदन निलेकणी ने कहा कि पारेख का इंफोसिस से जुड़ना उत्साहजनक है। उनके पास वैश्विक स्तर पर तीन दशक का अनुभव है और कारोबार में बदलाव लाने का हूनर है। बोर्ड को भरोसा है कि बदलाव के इस दौर में पारेख कंपनी का नेतृत्व करने के लिए बेहतरीन व्यक्ति हैं। वहीं इंफोसिस के सीईओ की तलाश के लिए बनी समिति की प्रमुख किरण मजुमदार शॉ का कहना है कि पारेख इस पद के उम्मीदवारों में अपनी योग्यता के बल पर पसंद में शीर्ष पर थे।
कैपजेमिनी के चेयरमैन ने भी सराहा
कैपजेमिनी के चेयरमैन एवं सीईओ पॉल हर्मलिन ने कहा है कि कैपजेमिनी की कारोबारी यात्रा में साथ देने के लिए पारेख को धन्यवाद देता हूं। सलिल ने भारत और अमेरिका में कैपजेमिनी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।