नई दिल्ली: आयुष और तंदुरूस्ती पर पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘आरोग्य 2017’ का वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु और आयुष राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक ने नई दिल्ली में उद्घाटन किया। प्रदर्शनी और सम्मेलन का आयोजन 4 से 7 दिसम्बर, 2017 तक विज्ञान भवन में किया गया है। आरोग्य 2017 का आयोजन फार्मेक्सिल सहित आयुष मंत्रालय और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने फिक्की के साथ औषधि की परंपरागत प्रणाली की ताकत और वैज्ञानिक मूल्यांकन को प्रदर्शित करने के लिए संयुक्त रूप से किया है। अरोग्य 2017 में भारत और 60 देशों के करीब 1500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आरोग्य 2017 अपने तरह का पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसका आयोजन भारत में किया गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि भारत ही अकेला ऐसा देश नहीं है, जिसके पास परंपरागत औषधि का ज्ञान है, आरोग्य 2017 के जरिए हमने भारत के परंपरागत औषधि ज्ञान को दुनिया के लोगों के बीच बांटने का फैसला किया है। इस सम्मेलन से हमें उम्मीद है कि दुनिया के अन्य देशों से आए प्रतिनिधियों से हमें सीखने को मिलेगा और भारत सरकार को सभी देशों के साथ इस क्षेत्र में कार्य करने पर खुशी होगी।
आयुष राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाइक ने कहा कि आयुष मंत्रालय स्वास्थ्य सेवाओं में आयुष को विस्तार से समाहित करने का प्रयास कर रहा है। आयुष मंत्रालय के जरिए हम न केवल राष्ट्रीय स्तर पर परंपरागत औषधि के विकास संबंधी क्रियाकलापों को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि हमें अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और द्विपक्षीय, बहु पक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तरों पर सहयोग के अवसर कायम करने का इंतजार है। इस दिशा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने से दुनिया की योग में दिलचस्पी पैदा हुई है और साथ ही योग संबंधी जानकारी, विशेषज्ञता प्राप्त और काबिल, प्रमाणित और मान्यता प्राप्त योग प्रशिक्षकों के आदान-प्रदान के लिए सहयोग के अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से डब्ल्यूएचओ के साथ सहयोगपूर्ण समझौते के जरिए हम सदस्य देशों के लाभ के लिए आयुष संबंधित तकनीकी दिशा-निर्देश और दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। श्री नाइक ने कहा कि इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कुछ देशों की सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि हमें सबूतों पर आधारित दृष्टिकोण, साझा व्यावाहरिक अनुभवों और परंपरागत औषधि प्रणालियों की सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली के साथ संस्थागत तंत्र और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बनानी चाहिए।
आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेजा ने कहा कि भारत शायद दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां परंपरागत औषधि का अलग मंत्रालय है। इससे औषधि प्रणाली के विकास की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले 5 वर्षों में उत्पादों और सेवाओं सहित हम आयुष का आकार तीन गुना बढ़ा लेंगे। इसके लिए सरकार अनेक देशों के साथ सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के साथ, सहयोगपूर्ण अनुसंधान और शैक्षणिक क्रियाकलाप तथा आयुष में अंतर्राष्ट्रीय छात्रवृत्ति देने सहित बहु आयामी रणनीति अपना रही हैं।
फार्मेक्सिल के महानिदेशक श्री उदय भास्कर; फिक्की के महासचिव डॉ. संजय बारू; फिक्की के उप महासचिव श्री विनय माथुर; ज्ञान भारती के महानिदेशक ए.जेकुमार; डब्ल्यूएचओ में आयुष विशेषज्ञ डॉ. जी.गीता कृष्णन; श्री श्रीतत्व के प्रबंध निदेशक श्री अरविन्द वर्चस्वी ने देश और विदेश में आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
आरोग्य 2017 प्रदर्शनी और सम्मेलन आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोआ रिगपा, होम्योपैथी और स्वास्थ्य पर आधारित है। इसमें वैकल्पिक औषधि के 250 से अधिक निर्माता अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित कर रहे हैं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से आयुष क्षेत्र के प्रमुख साझेदारों को भारत की वैकल्पिक औषधि प्रणाली के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान और विकास को दिखाने तथा आयुष उत्पादों का निर्यात बढ़ाने का अवसर मिला है।
आसियान और बिम्सटेक देशों में आयुष नियमों और पंजीकरण के लिए एक रोड मैप रखने के लिए फ्रॉस्ट और सूलीवन ने एक श्वेत पत्र ‘’आयुष फॉर द वर्ल्ड‘’ रखा। इसमें कहा गया है कि भारत आयुर्वेदिक और वैकल्पिक औषधि का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और इसमें 3 मिलियन नौकरियां सृजित करने की संभावना है। भारत का जड़ी-बूटी बाजार करीब 5 हजार करोड़ रूपये का है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 14 प्रतिशत है।
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