लखनऊ: श्री अरविन्द कुमार जैन, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती व अन्य जघन्य अपराधों की विवेचनाओं के गुणात्मक एवं समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिये गये हैं ।
पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा परिपत्र के माध्यम से समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, समस्त परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक, समस्त जोनल पुलिस
महानिरीक्षक, उ0प्र0 को अपराधों को गुणवत्तापरक, समयबद्ध, त्रुटिहीन एवं तथ्यपरक विवेचना किये जाने के संबंध में दिये गये हैं । साथ ही आयोजित होने वाली विभिन्न बैठकों में इसके संबंध में आवश्यक जानकारी उपलब्ध करायी जाये । विवेचनाओं में अनावश्यक विलम्ब को रोकने, समयबद्ध रूप से कार्यवाही सुनिश्चित करने एवं निर्धारित समयावधि मे गुणदोष के आधार पर विवेचानाओं के निस्तारण हेतु निर्देशित किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक सुनिश्चित करें कि विवेचना अधिकारी द्वारा विवेचनाओं में अनावश्यक रूप से विलम्ब न किया जाये । विवेचना सम्बन्धी कार्य निर्धारित अवधि में पूरा किया जाये ।
महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराध अत्यन्त गम्भीर विषय हैं, जिन पर आवश्यक कार्यवाही कर अंकुश लगाये जाने की आवश्यकता है । बलात्कार एवं सामूहिक बलात्कार के अपराधों की विवेचना व अन्य कार्यवाही प्रभावी ढंग से तत्काल की जाये । बलात्कार एव अन्य अपराधों में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग अधिकाधिक किया जाये। ऐसे अभियुक्त जो महिलाओं के प्रति गम्भीर अपराध करने के अभ्यस्त अपराधी हैं, उनके विरूद्ध आवश्यकता अनुसार गिरोहबंद अधिनियम, गुण्डा अधिनियम व अन्य अधिनियम के अन्तर्गत भी कार्यवाही की जाये ।
दण्ड विधि संशोधन अधिनियम 2013 व बच्चों से सम्बन्धित उत्पीड़न अधिनियम 2012 (POSCO) की धाराओं का प्रयोग पंजीकरण के समय किया जाये ।
पुलिस रेगूलेशन के प्रस्तर-101 में इंगित अपराध की सूचना पंजीकृत होने के उपरांत विशेष आख्या अपराध (Special Report Case) मानकर वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल सूचित करते हुए कार्यवाही की जाये । विशेष आख्या अपराध की श्रेणी में रखने का मुख्य उद्देश्य इसकी विवचेना गहनता एंव समयबद्ध रूप से किये जाने के साथ साथ विवेचना का पर्यवेक्षण अधिक निकटता व गहराई से हो । विवेचक का उचित मार्ग दर्शन किया जा सके जिससे अभियोग का सही अनावरण हो सके और अपराधियों को दण्डित कराया जा सके । क्षेत्राधिकारियों द्वारा विशेष आख्या अपराध अपने हाथ से लिखी जाये एवं विवेचनाओं का प्रभावी पर्यवेक्षण किया जाये । स्तरहीन विवेचनाओं पर आपत्तियाॅ प्रकट की जायें । किसी भी स्तर पर लापरवाही एवं उदासीनता बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारी को दण्डित किया जाये ।