नई दिल्लीः केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर जोर देते हुए कि प्रदूषण से निपटना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है और इसके लिए सभी का सहयोग जरूरी है, विश्वास व्यक्त किया कि अगले वर्ष प्रदूषण से समग्र तरीके से निपटा जाएगा। वायु प्रदूषण से निपटने के मुद्दे पर आज यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने दोहराया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मंत्रियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जानी चाहिए ताकि जमीन पर सभी गतिविधियों की सघन निगरानी जारी रह सके।
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आयोजित बैठक की डॉ. हर्षवर्धन ने अध्यक्षता की
दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पहचाने गए सभी स्रोतों का दिल्ली में प्रभावी इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए सभी एजेंसियों के साथ कार्य करेगी।
बैठक में यह बात सामने आई की 2016 की वायु गुणवत्ता की तुलना में 2017 में वायु की गुणवत्ता बेहतर थी। 2017 में अच्छे, ठीक और संतोषजनक दिन 151 थे जबकि 2016 में 109 दिन थे। इसी प्रकार से बहुत खराब, खराब और कष्टकारी दिनों की संख्या 2017 में 181 जबकि 2016 में 214 दिन ऐसे थे।
बैठक में लिए गए कुछ फैसले इस प्रकार हैं:-
धूल से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सख्त उपाय किए जाएंगे। बड़े निर्माण स्थलों से निकलने वाली धूल की कड़ी निगरानी की जाएगी और किसी भी प्रकार के उल्लंघन से कड़ाई से निपटा जाएगा। मशीनों से सफाई का दायरा बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एमसीडी को हरसंभव मदद दी जाएगी। निगम के ठोस कचरा स्थलों से निकलने वाली आग से तत्कालिक तरीके से निपटा जाएगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सलाह से प्रदूषण से जल्द निपटने के लिए नया दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के नेतृत्व में कार्यबल समिति पुआल जलने के मुद्दे की जांच कर रही है। इस मुद्दे के समाधान के लिए एक कार्य योजना अगले महीने तक तैयार हो जाएगी।
यह फैसला किया गया कि पेटकोक और फर्नेस ऑयल पर प्रतिबंध के संबंध में फैसले का सभी एनसीआर राज्यों में कड़ाई से पालन किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस से ट्रैफिक की भीड़-भाड़ और पार्किंग के मुद्दे का समाधान करने को कहा जाएगा।
सार्वजनिक परिवहन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सभी कदम उठाये जाएंगे।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए अति सक्रिय तरीके से कार्य करेगा कि उल्लंघनकर्ताओं से कड़ाई से निपटा जाए। बोर्ड लोगों में जागरूकता पैदा करने का भी प्रयास करेगा यह फैसला किया गया कि लोगों में जागरूकता बढ़ाने और आम जनता का सहयोग लेने के लिए आईईसी की गतिविधियों को बड़े पैमाने पर हाथ में लिया जाएगा।
जनवरी 2018 के महीने में 15 दिन के लिए एक विशेष प्रदूषण विरोधी अभियान शुरू किया जाएगा।
बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल, लोक निर्माण मंत्री श्री सतेन्द्र जैन, उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्री श्री दारा सिंह चौहान, हरियाणा के पर्यावरण मंत्री श्री विपुल गोयल और राजस्थान के पर्यावरण सचिव तथा पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।