लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार गांवों की खुशहाली और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरन्तर विकास एवं निर्माण कार्यों के प्रति सजग है। 500 अथवा उससे अधिक आबादी वाले उन सभी ग्रामों बसावटों जो अब तक सम्पर्क मार्गों से नहीं जोड़े जा सके हैं उनको सम्पर्क मार्गों से जोड़ने और उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाने का नीतिगत निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। पी0एम0जी0एस0वाई0 के कोर रोड नेटवर्क में नहीं है तथा न्यू कनेक्टीविटी/अपग्रेडेशन के अन्तर्गत संतृप्तीकरण हेतु आच्छादित नहीं है।
मण्डी परिषद उ0प्र0 से प्राप्त सूचना के अनुसार ऐसी कम आबादी वाले 6221 बसावटों ग्रामों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 6135 किमी0 लम्बाई के सम्पर्क मार्गों का निर्माण कराये जाने का कार्य किया जा रहा है।
सरकार ने अनजुड़ी बसावटों को जोड़ने हेतु सम्पर्क मार्गों के निर्माण के लिए मण्डी परिषद के मद में 350 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था की है। वर्तमान में अब तक इस योजना के तहत कुल 722 सम्पर्क मार्गों जिनकी लम्बाई 908.78 किमी0 तथा लागत 291.20 करोड़ रुपये है के निर्माण की स्वीकृतियां जारी कर दी है, जिनमें से 668 बसावटों/ग्रामों के 825.32 किमी0 सम्पर्क मार्गों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।
उ0प्र0 सरकार ने किसानों की सुविधा हेतु प्रदेश के सभी जनपदों की मण्डी समितियों में कृषक सेवा केन्द्रों को खोलने का निर्णय लिया है और इस क्रम में 82 सेवा केन्द्रों की स्थापना मण्डी परिषद द्वारा की गयी है। इन्हें संचालित करने के उद्देश्य से आई0टी0सी0, इफकों एवं खुशहाली जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं की सहभागिता के आधार पर किसान सेवा केन्द्र को क्रियाशील किये जाने की भी कार्रवाई की गयी है। सभी किसान सेवा केन्द्र सक्रिय है।