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कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक लेते आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास पुनर्निरीक्षण समिति के अध्यक्ष श्री प्रयाग दत्त भट्ट साथ में जिलाधिकारी रविनाथ रमन।

उत्तराखंड

देहरादून: आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास पुनर्निरीक्षण समिति के अध्यक्ष श्री प्रयाग भट्ट (मंत्री राज्य स्तर) की अध्यक्षता में नगर निगम टाउन हाल में जनपद में हो रहे आपदा सम्बन्धित कार्यो की समीक्षा एवं मानकों की संस्तुति एवं पुनर्निरीक्षण सम्बन्धित बैठक आहूत की गयी। इसके पश्चात कलैक्ट्रेट कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक एवं प्रेस वार्ता की गयी।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि आपदा में हुए जानमाल एवं अन्य क्षति के भरपाई हेतु शासन द्वारा दी जाने वाली तत्काल राहत एवं मुआवजा राशि पूर्व मानकों के अनुसार दी जा रही है। उन्होने कहा कि पुराने मानकों को बदलने एवं नये मानक बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों सुझाव लिए जा रहे है। उन्होने बताया कि आपदा में हुई क्षति मानव, पशु, सम्पति के लिए तत्काल दी जाने वाली धनराशि तथा मुआवजा के मानक प्रस्तावित किये जाने हेतु पूरे प्रदेश में सुझाव एवं संस्तुति ली जा रही है। उन्होने कहा कि बरसात के सीजन शुरू हो चुका है वर्षा ऋतु में किसी भी परिस्थिति से निपटने हेतु प्रशासन के साथ तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की गई है। उन्होने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार ने चारधाम की यात्रा को पटरी पर ला दिया है और अब तक 5 लाख से अधिक यात्री चारधाम की यात्रा कर चुके हैं। उन्होने कहा कि संभावित आपदा से तुरन्त निपटने के लिए मा0 मुख्यमंत्री द्वारा प्रशासनिक ईकाईयों का सुदृढ किया गया है, जिसके तहत आयुक्तों को 10 करोड़, जिलाधिकारी को 5 करोड़ तथा उप जिलाधिकारियों को 1 करोड़ की धनराशि के कार्य परियोजना क्रियान्वयन ईकाई के अन्तर्गत कराने हेतु अधिकृत किया है। उन्होेने यह भी बताया कि सरकार द्वारा ग्राम स्तर पर आपदा कमेटी बनाने हेतु प्रस्ताव मागें जा रहे है। कमेटी में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान, टैक्निकल व्यक्ति को रखा जाएगा।
इससे पूर्व उन्होने जनपद के नगर निगम हाॅल में जन प्रतिनिधियों के साथ आहुत बैठक में कहा कि मा0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड एवं राज्य सरकार तथा शासन प्रशासन के अथक प्रयासों की बदौलत जून 2013 की प्राकृतिक आपदा के पश्चात पुननिर्माण, पुनर्वास, मुआवजा वितरण के कार्य में तेजी लाकर देश-विदेश के पर्यटकों का विश्वास बहाल किया गया है। उन्होने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुए जान-माल की क्षतिपूर्ति हेतु केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा क्षति के अनुसार मुआवजा व तत्कालिक राहत राशि मुहैया की जाए। इस पर उपस्थित सभी जनप्रतिनियों एवं राजनैतिक संगठन के सदस्यों ने मुआवजा व मानक राशि के सम्बन्ध में अपने-2 विचार व्यक्त किए। सभी जनप्रतिनिधियों ने प्रत्येक क्षति के लिए 50 से 75 प्रतिश्त तक बढोतरी की सिफारिश की। बैठक में उपस्थित कई सदस्यों द्वारा शिकायत की गयी कि केवल मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए कई लोगों द्वारा रिस्पना एवं बिन्दाल नदी पर अतिक्रमण किया जा रहा है तथा एक परिवार के कई सदस्यों द्वारा अलग अलग-2 नाम से विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण किया जा रहा है, इस हेतु उन्होने जांच करवाने की मांग करते हुए बिन्दाल तथा रिस्पना से अतिक्रमण हटवाने की मांग मा0 अध्यक्ष आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास पुनर्निरीक्षण समिति से की। बैठक में सदस्यों द्वारा प्रभावितों को दिये जाने वाली मुआवजा राशि में के सम्बन्ध में मा0 अध्यक्ष को अवगत कराया कि आपदा के दौरान दी जाने वाली क्षति पूर्ति एक समान दी जाती है। जबकि किसी नुकसान कम तथा ज्यादा रहता है। सदस्यों द्वारा मांग की गयी कि मुआवजा राशि क्षति के आधार दी जाय। जिस पर मा अध्यक्ष द्वारा यह प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही गयी। जनप्रतिनिधियों द्वारा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की मुआवजा राशि के लिए मानक अलग-2 निर्धारित किए जाने के सुझाव दिय गये।
बैठक में विधायक रायपुर उमेश शर्मा ने आपदा के अन्तर्गत कराये जाने वाले कार्य आवंटन धनराशि समानता से विधानसभावार कराने की सिफारिश की ।
बैठक में उपस्थित कई सदस्यों के द्वारा जनपद के नदियों एवं नालों से गाद को हटाकर साफ करने की मांग की गयी। जिस पर जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने अवगत कराया कि नदियों से मलवा/गाद हटाने हेतु उच्चतम न्यायालय तथा खनन के नियम के अन्तर्गत ही कार्य किया जाता है। उन्होने बताया कि नदियों/नालों के मलवे का केवल चैनलाईजेशन किया जा सकता है। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे मनरेगा/ सी.सी मार्ग तथा अन्य विकास कार्यो के प्रस्ताव आपदा में न देकर विकास योजना में ही दें, क्योंकि आपदा में केवल आकस्मिक तथा तात्कालिक राहत के ही कार्य करवाए जा सकते हैं तथा इसमें बजट भी सीमित होता है। जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने यह भी अवगत कराया कि जनपद के कलैक्टेªट परिसर स्थित आपदा कन्ट्रोल रूम 24 घण्टे खुला रहता है जिसका टोल फ्री न0 1077 तथा दूरभाष न0 0135-2726066 पर सूचना/शिकायत की जा सकती है।
आपदा की तैयारियों के सम्बन्ध में उपस्थित सदस्यों द्वारा पूछे जाने पर अपर जिलाधिकारी वि/रा प्रताप सिंह शाह ने अवगत कराया कि जनपद में जिला आपदा प्राधिकरण की तैयारियों के सम्बन्ध पूर्व में दो बैठक आयोजित की जा चुकी है तथा आपदा न्यूनीकरण के लिए कई कदम उठाये गये है। इसके अन्तर्गत जनपद में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भी किया जा चुका है जिसमें सेना, आई.टी.बी.पी, पुलिस,एस.डी.आर.एफ, होम गार्डस तथा जिलास्तरीय सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कलैक्टेªट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए मा0 अध्यक्ष आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास पुनर्निरीक्षण समिति श्री प्रयाग भट्ट ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य जनप्रतिनिधियों से सलाह लेना, कार्यो की गुणवत्ता पूछना, मानकों की सूचना देना तथा मानको के निर्धारण हेतु अधिकारियों की भी सलाह लेना सम्मिलित है। उन्होने कहा कि जिस कार्यदायी संस्था को पूर्व में धनराशि आवंटिन की गयी है उस का पूर्ण विवरण प्रस्तुत करें। उन्होने सभी अधिकारियों से अपेक्षा करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड को आत्मनिर्भर एवं सशक्त राज्य बनाने हेतु कार्य की गुणवत्ता व समय-सीमा का ध्यान रखते हुए अपना सकारात्मक योगदान दें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रताप सिंह शाह को पी.आई.यू.एस के माध्यम से आपदा मद के अन्तर्गत कराए गये कार्य की वर्तमान प्रगति, गुणवत्ता जांच समिति की रिपोर्ट तथा भौतिक सत्यापन का पूर्ण विवरण 15 दिन के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि आने वाला वर्षा काल को देखते हुए सभी विभाग अपने संसाधन तैयार रखें तथा स्टाफ पूर्ण रखें तथा किसी आपदा की स्थिति बनने पर वैकल्पिक व्यवस्था हेतु तैयार रहें। उन्होने सभी विभागीय अधिकारियों को अपने दूरभाष न0 24 घण्टे खुले रखने तथा विभागों को अपसी समन्वय बनाते हुए आपदा से सम्बन्धित सूचना को साझा करने के निर्देश दिये।
बैठक में नगर निगम में आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास पुनर्निरीक्षण समिति के सदस्य संजय सैनी, उत्तराखण्ड स्वतन्त्रता सेनानी आश्रित संगठन के अध्यक्ष ललित पंत, ब्लाक प्रमुख बीना बहुगुणा, रंजीता तोमर, जिला पंचायत सदस्य हेमा पुरोहित एवं अन्य जिला पंचायत सदस्य तथा कई जनप्रतिनिधियों सहित मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय, उप जिलाधिकारी विकास नगर मोहन सिंह बर्निया, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी डाॅ दीपशिखा रावत, सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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