देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार के लिए प्रभावी एवं कारगर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया है। स्कूलों में अध्यापकों की उपलब्धता के लिए 15 अगस्त से पूर्व गेस्ट टीचरों की तैनाती के साथ ही राजीव गांधी नवोदय विद्यालयांे की भांति इस वर्ष 15 अगस्त तक प्रत्येक जनपद में एक-एक राजीव गांधी अभिनव स्कूल खोलने के भी निर्देश उन्होंने दिए है।
शनिवार को बीजापुर अतिथि गृह में शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिए कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने एवं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कारगर प्रयास किए जाए, विशेषकर प्राईमरी शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत उन्होंने बतायी। जिला एवं ब्लाक शिक्षा अधिकारियों पर प्रभावी नियंत्रण के साथ ही उनसे निरन्तर समन्वय बनाया जाए। प्राईमरी से माध्यमिक तक की शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित रूप में संचालित करना अधिकारियों का दायित्व है, वे इस पर ध्यान दें। छात्रों की कमी के कारण विद्यालय बंदी के कगार पर हैं। प्राथमिक स्कूलों में अच्छी शिक्षा उपलब्ध हो, इसके प्रयास हो। आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी गांव के प्राथमिक विद्यालयों से जोड़ा जाय, ताकि अच्छी शिक्षा सभी बच्चों को उपलब्ध हो सकें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने ’मेरा गांव मेरा गांव धन’ योजना के तहत अधिक से अधिक स्कूलो को निजि सहभागिता से निर्मित भवनों में संचालित करने के लिए प्रधानाचार्यों व अध्यापकों से भी इसके सहयोग की अपेक्षा की। विद्यालयों व डायट में नाॅलेज लैब की स्थापना पर भी ध्यान देने के निर्देश उन्होंने दिए। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी अभिनव स्कूल की पहली से पांचवी तक तथा छठी से बारहवीं तक की दो विंग बनायी जाए, इसके लिए जनपद में जहां भी भवन आदि की व्यवस्था हैं, वहां पर इन्हें संचालित किया जाए, जिलाधिकारियों का भी इसमें सहयोग लिया जाए। इस वर्ष प्रत्येक जनपद में एक-एक स्कूल तथा अगले वर्ष से भवनों की उपलब्धता के आधार पर और भी स्कूल संचालित किये जाए, इसके लिए दक्षता के आधार पर अध्यापकों की नियुक्ति व संचालन समिति के शीघ्र गठन के भी उन्होंने निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश में शिक्षकों की विषयवार उपलब्धता का विवरण तैयार किया जाय। रिक्त पदों को शीघ्रता से भरा जाए। प्रधानाचार्यों की पदोन्नती की कार्यवाही भी शीघ्रता से अमल में लायी जाय। स्कूलों की प्रशासनिक व्यवस्था में इससे सुधार होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था होने से शिक्षा के लिए हो रहा पलायन रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक लड़कियां स्कूलों में पढ़ने आये इसके लिए स्वच्छता व शोचालयों की व्यवस्था स्कूलों में की जाए।
बैठक में विद्यालय शिक्षा मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी, मुख्य सचिव एन. रवि. शंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस. राजू, सचिव एम.सी.जोशी, महानिदेशक शिक्षा डी. सैंथिल पांडियन सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।