नई दिल्ली: ‘सबका साथ, सबका विकास’ के लिए माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप एक अनूठे प्रयास के तहत भारतीय रेल के टेक्नोलॉजी मिशन (टीएमआईआर) को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार के तीन मंत्रालय एक साथ आये है। 04 जनवरी को नई दिल्ली के रेल भवन में रेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग (विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय) ने टीएमआईआर को संयुक्त रूप से धनपोषण करने के लिए एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
सहमति ज्ञापन पर रेल मंत्रालय की ओर से टीएमआईआर के अध्यक्ष प्रो.एन.एस. व्यास, टीएमआईआर के सह-अध्यक्ष श्री आलोक कुमार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से अपर सचिव (टी.ई) श्री आर.सुब्रमण्यम तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग के सलाहकार डॉ. नीरज शर्मा ने हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर रेल बोर्ड के अध्यक्ष श्री अश्विनी लोहानी ने कहा कि यह सहमति ज्ञापन भारतीय रेल के टेक्नोलॉजी मिशन में विभिन्न पक्षों के बीच सहयोग के लिए किया जा रहा है। इस सहमति ज्ञापन से अप्लाइट अनुसंधान के लिए चिन्ह्ति रेल परियोजनाओं के साझे निवेश का मार्ग प्रशस्त होगा। इस परियोजना में रेल मंत्रालय 30 प्रतिशत, मानव संसाधन विकास मंत्रालय 25 प्रतिशत तथा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग 25 प्रतिशत निवेश करेगा। यह टेक्नोलॉजी मिशन माननीय प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को गति प्रदान करेगा। इससे सफलतापूर्वक स्वदेशी टेक्नोलॉजी विकसित की जा सकेगी। भारतीय रेल को जहां विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी मिलेगी, वहीं अकादमिक और अनुसंधान संस्थान अनेक अप्लाइड अनुसंधान परियोजना में शामिल होंगे और इससे उन्हें राष्ट्रीय उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान में मदद मिलेगी। श्री लोहानी ने कहा कि मैं ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे के साथ इस टेक्नोलॉजी मिशन की सफलता की कामना करता हूं और आशा करता हूं कि मिशन के अंतर्गत किये गये नवीन अप्लाइड अनुसंधान से भारतीय रेल को अपने यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक, बाधा मुक्त और प्रदान करने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव श्री के.के.शर्मा और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ.आशुतोष शर्मा ने भी विचार व्यक्त किये।
रेल मंत्रालय ने अप्लाइड अनुसंधान के लिए चिन्ह्ति रेल परियोजनाओं के साझे निवेश के लिए रेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कंसोर्टियम के रूप में भारतीय रेल के लिए टेक्नोलॉजी मिशन (टीएमआईआर) बनाया था।
इस सहमति ज्ञापन के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय दोनों टीएमआईआर परियोजना में 75-75 करोड़ रुपये निवेश करेंगे, जबकि भारतीय रेल और उद्योग अपना-अपना हिस्सा देंगे।
टेक्नोलॉजी मिशन से भारी ढुलाई, सुरक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण तथा शहरी, रेलवे के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास परियोजनाएं चलाएगा। परियोजनाएं मिशन क्रियान्वयन तथा समन्वय समिति के माध्यम से लागू की जाएगी। इस समिति में तीनों मंत्रालयों शिक्षा तथा उद्योग जगत के सदस्य रहेंगे। परियोजनाएं राष्ट्रीय अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं और अकादमिक संस्थानों में लागू की जाएंगी, जहां आवश्यक होगा, वहां इसी तरह के विदेशी संस्थानों के साथ सहयोग किया जाएगा।
रेलवे, आरडीएसओ, मानव संसाधन और विकास मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों वाली मिशन क्रियान्वयन तथा समन्वय समिति, (एमआईसीसी) के अध्यक्ष मिशन अध्यक्ष के रूप में आईआईटी कानपुर के प्रो. एन.एस. व्यास होंगे। मिशन के सह-अध्यक्ष मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण/एनआर श्री आलोक कुमार होंगे। मिशन मोड में प्रौद्योगिकी विकास के लिए कंसोर्टियम से भारतीय रेल को उचित दर पर विश्वस्तरीय स्वदेशी प्रौद्योगिकी प्राप्त होगी और शैक्षिक अनुसंधान संस्थानों को अप्लाइड अनुसंधान से लाभ होगा। भारतीय उद्योग भारतीय रेल के उपयोग में लाई जाने वाली नई सामग्रियों का उत्पादन करेगे।