कहते हैं, जब कुछ कर गुजरने का जूनून होता है, तो दुनिया की कोई भी चीज कठिन नहीं होती है। इस बात का जीता जागता उदाहरण हिमाचल प्रदेश की आंचल ठाकुर हैं। उन्होंने देश को स्कीइंग में पहला अंतरराष्ट्रीय पदक दिलाकर इतिहास रच दिया है।
मनाली की रहने वाली 21 वर्षीय आंचल ने तुर्की में जारी अल्पाइन एडर-3200 कप टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता है। टूर्नामेंट का आयोजन अंतरराष्ट्रीय संस्था फेडरेशन इंटरनेशनल द स्की (एफआईएस)ने किया है। आंचल ने स्लैलम रेस वर्ग में कांस्य पदक जीता है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए आंचल ने कहा, “ ये मेरे कठिन मेहनत का फल है, इस प्रतियोगिता में मैं पूरी तैयारी से आई थी। जिसका नतीजा ये रहा कि मैंने अपने मुकाबले में पहले ही लीड बना लिया और अंत में कांस्य पदक जीतने में सफल रही।”
Finally something unexpected happened. My first ever international medal.🙌 Federation International Ski Race (FIS). At the end turkey served me well 😇😇.
PC- @alwyncreed #strangethingshappen #skiteamindia #onehimachal #himalayangirls pic.twitter.com/pjkSddCpi5— Aanchal Thakur (@alleaanchal) January 9, 2018
आंचल ठाकुर के पिता रोशन ठाकुर विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के महासचिव हैं। जो अपनी बेटी के इस प्रदर्शन से काफी खुश हैं। इसके अलावा स्कीइंग खेल के अन्य खिलाड़ियों के लिए आंचल का ये प्रदर्शन प्रेरणादायी है। जिससे उन्हें भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी।
हालांकि भारत में स्कीइंग उतना लोकप्रिय खेल नहीं है, इस खेल को सरकार से वित्तीय मदद न के बराबर मिलती है। खेल मंत्रालय सिर्फ खिलाड़ियों के आने-जाने की व्यवस्था करता है, बाकी खर्चा खिलाड़ियों और फेडरेशन खुद उठाना पड़ता है। ऐसे में आंचल की ये एतिहासिक उपलब्धि देश में विंटर खेलों के प्रति सकारात्मक सोच पैदा करेगी। लेकिन फिर भी इस खेल के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराए जाने की जरूरत है।